नवीन चौहान.
40वीं वाहिनी पीएसी ने बीते 44 सालों में सफलता के कई आयाम स्थापित किए। साल 1980 में यूपी में स्थापना दिवस के बाद से पीएसी के जवानों का सफर उत्तराखंड में भी अनवरत जारी है। समस्त भारत वर्ष में शांति व्यवस्था कायम रखने का अनुभव 40वीं वाहिनी पीएसी के जवानों को हासिल है। पीएसी के वीर जवानों ने कुंभ महापर्व, धार्मिक कांवड़ यात्रा और आपदा प्रबंधन में अपनी कर्तव्यनिष्ठा को साबित किया है। जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अपराधियों की कमर तोड़ने तक और खेल प्रतियोगिताओं में कीर्तिमान स्थापित करने तक यूं तो कई उपलब्धियां अपने नाम दर्ज की है। फिलहाल पीएसी के सभी जवान 44वीं वे स्थावना दिवस को धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मना रहे है।

40वीं वाहिनी पीएसी के प्रांगण को बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। मुख्य अतिथि आईजी नीरू गर्ग ने वैदिक संस्कृति और मंत्रोच्चारण के साथ नारियल फोड़ने के बाद रिबन काटकर स्थापना दिवस का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने समस्त जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। इस दौरान नीरू गर्ग ने मेले के आयोजन की तमाम व्यवस्थाओं को देखा और सभी का उत्साहवर्धन किया। आईआरबी की सेनानायक श्वेता चौबे ने मुख्य अतिथि नीरू गर्ग का स्वागत करने के साथ ही मेले की सभी व्यवस्थाओं की बड़ी बारीकी से जानकारी दी।

उप सेनानायक सुरजीत सिंह पंवार ने बताया कि स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसमें बच्चों के खेलकूद प्रतियोगिताओं के अलावा मनोरंजन के कार्यक्रमों को शामिल किया गया है। उन्होंने पीएसी के 44 सालों के कार्यअनुभव को बताया। उन्होंने बताया के मेले में टेडिस्शनल और मॉर्डन हथियारों का प्रदर्शन किया गया है। वोकल फॉर लोकल का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। उत्तराखंड के उत्पादों का अधिक प्रचार करने के लिए मेले में स्टॉल लगाई गई है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में साल 1980 में 40वीं वाहिनी पीएसी की स्थापना हुई। पीएसी के जवानों को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ कार्य का अनुभव होने के साथ ही नवीन राज्य उत्तराखंड में अपनी सेवा देने का सिलसिला अनवरत जारी है। उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन में एसडीआरएफ की सफलता के पीछे 40वीं वाहिनी पीएसी की अहम भूमिका है। समस्त भारत वर्ष में चुनाव डयूटी की सुरक्षा का सफलता पूर्वक निर्वहन वाहिनी पीएसी के जवान करते है। उत्तराखंड पुलिस का पूरा चरित्र पीएसी में झलकता है।

महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, झारखंड के चुनावों को सकुशल संपन्न कराने में 40 पीएसी के जवानों ने अहम भूमिका निभाई है। अब यूपी के कुंभ महापर्व को सकुशल संपन्न कराने की तैयारी है। समस्त भारतवर्ष में पीएसी के जवानों की काबलियत सभी को बखूवी मालूम है। व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में उप सेनानायक सुरजीत सिंह पंवार, सहायक सेनानायक सुरेंद्र प्रसाद बलूनी, शिविरपाल आदेश कुमार सहित तमाम पीएसी के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेले के शुभारम्भ अवसर पर पूजा पॅवार, मंहत रघुवीर दास, मंहत जयराम दास, आदेश कुमार, शिविरपाल 40वीं वाहिनी पी0ए0सी0 हरिद्वार, ओम प्रकाश, कविता रावत, बीरेन्द्र सिंह कठैत, सोहन लाल जोशी, महिपाल सिंह बिष्ट, राजपाल सिंह बिष्ट, कैलाश शर्मा, कमल सिंह सजवाण, राकेश धीमान, अनुपमा राणा, खजांची लाल दलनायक, नरेन्द्र मेहरा, एच0डी0आई0 ए0टी0सी0, सू0सैन्य सहायक विक्रम सिंह भण्डारी 40वीं वाहिनी पी0ए0सी0 हरिद्वार एवं वाहिनी मुख्यालय में उपस्थित समस्त अधि0/कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

मेले में परिवार मिलन
40वीं वाहिनी पीएसी के अलावा, एटीएस, पुलिस मॉर्डन पब्लिक स्कूल से जुड़े सभी कार्मिक व उनके परिवारजनों को स्थापना दिवस के भव्य कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है। सभी परिवारों का आपसी मिलन होता है। सौहार्दपूर्ण वातावरण में सभी पारिवारिक सदस्य मेले में मनोरंजन का आनंद लेते है। इसी के साथ बच्चों को अपने उत्तराखंड और भारतीय संस्कृति को नजदीक से देखने का अवसर मिलता है।

शाम को सांसकृतिक संध्या
शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जायेगा जिसमे वाहिनी की आक्रेस्ट्रा टीम, पुलिस मॉर्डन स्कूल एवं वाहिनी फेमिली लाईन के बच्चों तथा हैप्पी डांस ग्रुप द्वारा प्रस्तुतियॉ दी जायेगी। स्थापना दिवस मेले की शुभारम्भ तिथि में पुलिस मॉर्डन स्कूल के बच्चों के लिए जलेबी दौड, सुई धागा दौड, महिला टीचर एवं महिला दल के बीच रस्सा-कस्सी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। दिन में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं जैसे कुर्सी दौड, रस्सा-कस्सी, बॉलीबाल आदि का आयोजन किया जायेगा एवं सांय सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जायेगी जिसमे प्रसिद्ध लोक कलाकार/अभिनेत्री श्वेता माहरा मेले का विशेष आकर्षण है। दिनॉक 04-12-2024 को दिन में मेला लगातार चलता रहेगा एवं सांय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन व लकी ड्रॉ/पुरस्कार वितरण के उपरान्त मुख्य अतिथि द्वारा मेले का समापन किया जायेगा।