भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं ने उड़ाई पार्टी प्रत्याशियों की नींद,जानिए पूरी खबर




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नवीन चौहान, हरिद्वार। भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है। पार्टी की ओर से बागी नेताओं को मनाने का सिलसिला जारी है। लेकिन बागी नेता है कि टस से मस नहीं हो रहे है। चुनाव लड़ने का मन बना चुके बागियों ने नामांकन के लिये परचे खरीद लिये है। यदि बागी चुनाव मैदान में डटे रहे तो पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ रहे नेताओं के समीकरण बिगड़ने के पूरे आसार दिखाई पड़ रहे है।
बताते चले कि शिवालिक नगर पंचायत सीट पर अध्यक्ष पद के भाजपा से दावेदारी कर संजीव चौधरी कई दशक से भाजपा से जुड़े है। व्यापार मंडल की राजनीति में सक्रिय संजीव चौधरी कई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर समाजसेवा करते रहे है। गंगा संरक्षण मुहिम में भी बढ़कर भागेदारी करते रहे है। संजीव चौधरी ने भाजपा से अध्यक्ष पद के टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन पार्टी में मजबूत नहीं होने के चलते उनका टिकट काट दिया गया। शिवालिक नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिये भाजपा की ओर से राजीव शर्मा के नाम की घोषणा कर दी गई। राजीव के नाम का टिकट आते ही संजीव चौधरी बागी हो गये। अपनी ही पार्टी की मुखालफत में मैदान में उतर गये। संजीव चौधरी ने बताया कि वह जनता से जुड़े हुये है। जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुये नामांकन की तैयारी कर रहे है। वह निर्लदलीय चुनाव लड़ेंगे। वही ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस का भी है। कांग्रेस की जमीनी कार्यकर्ता और पूर्व राज्यमंत्री किरण सिंह भी बागी हो चली है। किरण ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और टिकट वितरण में ही धांधली का आरोप लगाया है। नगर निगम में कांग्रेस के टिकट की दावेदारी कर रही विमला पांडेय का हाल भी कुछ ऐसा ही है। विमला पांडेय कई दशक से कांग्रेस की सेवा कर रही है। लेकिन पार्टी ने उनको भी दरकिनार कर दिया और टिकट पूर्व सभासद अशोक शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा को थमा दिया। वहीं एक ओर कांग्रेस नेत्री वंदना गुप्ता भी अपनी ही पार्टी से नाराज चल रही है। वंदना गुप्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस को जिंदा रखा। भाजपा के लिये काफी आग उगली। वंदना से कांग्रेस पार्टी से मेयर के टिकट की दावेदारी पेश की थी। लेकिन पार्टी ने वंदना को भी झटका दे दिया। यही वंदना गुप्ता अब कांग्रेस से नाराज होकर सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी की पोल खोलने में लगी है। ऐसे ही पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्षद दावेदारों का है। भाजपा और कांग्रेस से टिकट पाने की आस लगाये बैठे नेताओं ने अब अपनी ही पार्टी को हराने के लिये कमर कस ली है। देखना होगा कि आने वाले कुछ वक्त में नेताओं के नये नये कारनामे सामने आने वाले है। हालांकि फिलहाल कांग्रेस का एक ओडिया चर्चाओं में है।