गलत इंसान से दोस्ती करने पर आशीष को जेल, जानिये पूरी खबर




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नवीन चौहान, हरिद्वार। इंसान को हमेशा सच्चाई की राह पर चलना चाहिये। पैंसा कमाने के लिये जमीर का सौंदा कभी नहीं करना चाहिये। लेकिन कनखल के प्रॉपर्टी डीलर आशीष शर्मा पैंसों की चकाचौंध में पूरी तरह से अंधा हो गया था। उसे सही और गलत व्यक्ति का अंतर भी समझ नहीं आ रहा था। यही कारण रहा कि जमीन से जुड़े आशीष ने हरिद्वार के प्रॉपर्टी के कारोबार में सरताज बनने के पहले एक महंत सुधीर गिरी की हत्या का ताना बना बुना। जेल गया तो सुधरने की वजाय कुख्यात बदमाश सुनील राठी से हाथ मिला लिया। गलत व्यक्ति से की गई दोस्ती ने आशीष शर्मा को एक बार फिर जेल की राह दिखलाई है। इस बार आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली पर कुख्यात सुनील राठी से संबंध रखने और कारोबारियों को धमकी दिलाने के कई संगीन आरोप है।

कुख्यात बदमाश सुनील राठी से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार हुआ आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली पुत्र सुभाष निवासी म्याना मौहल्ला कनखल में रहता है। आशीष के पिता सुभाष होली चौक पर चाय का खोखा चलाया करते थे। लेकिन सुभाष शर्मा के पुत्र आशीष शर्मा के दिल में तो आसमान छूने की तमन्ना हिलौरे मार रहा थी। आशीष की अखाडे़ में नौकरी लगाई गई तो उसने अखाडे़ की संपत्तियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। अखाडे़ के महंतों से संबंध बढ़ाने शुरू कर दिये। संतों का विश्वासपात्र बनकर प्रॉपर्टी के कारोबार शुरू कर दिया। अखाड़ों की संपत्ति पर फ्लैट बनाकर बेचने शुरू कर दिये। प्रॉपटी के कारोबार की तेजी ने आशीष शर्मा को हरिद्वार के प्रॉपर्टी कारोबार का चमकता सितारा बना दिया। आशीष की लोकप्रियता बढ़ी तो उनके पास प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिये खादी और खाकी के लोगों ने पींगे बढ़ा दी। खाकी और खादी की शह मिली तो आशीष के हौसले बुलंदी पर पहुंच गये। वह जमीन पर चलने वाले आदमी को इंसान हीं नहीं समझता था। आशीष के पैंसों की धमक ने लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के कलमकारों की भी एंट्री हो गई। पत्रकार, खाकी और खादी आशीष की चौखट पर शीश नवाने लगे। लेकिन कहते हैं कि गलत तरीके से कमाया गया धन और दान की संपत्ति पर खड़ा किया गया साम्राज्य मुसीबत साथ लेकर आता है। यही से आशीष के बुरे दिनों की कहानी शुरू हो गई। आशीष ने एक भगवान की संपत्ति कनखल के राधा कृष्ण बाग को फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुर्द बुर्द करने की पटकथा तैयार कर दी। लेकिन भगवान की इस संपत्ति में हाथ डालना आशीष शर्मा के उलटे दिनों को लेकर आ गया। उसकी मुसीबतों का दौर शुरू हो गया। पहली बार कनखल के महानिर्वाणी अखाडे़ के महंत विनोद गिरी उर्फ हनुमान बाबा के शिष्य महंत सुधीर गिरी की हत्या में आशीष शर्मा का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया। आशीष शर्मा ने भाडे़ के शूटरों ने महंत सुधीर गिरी की हत्या कराई थी। सबसे ज्यादा पेंचीदा समझे जाने वाले इस हत्याकांड का खुलासा तत्कालीन एसएसपी डॉ सदानंद दाते ने किया। उन्होंने शूटरों को गिरफ्तार करने के बाद मुख्य साजिशकर्ता आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को गिरफ्तार किया। जिसके बाद आशीष शर्मा को जेल भेज दिया गया। जेल में आशीष की मुलाकात दूसरे कुख्यात बदमाश सुनील राठी, संजीव जीवा और चीनू पंडित से हो गये। आशीष ने तीनों से दोस्ती तो कर ली। लेकिन सबसे ज्यादा नजदीकियां सुनील राठी से हुई। आशीष सुनील राठी से दोस्ती के चलते उसकी आर्थिक मदद करने लगा। लेकिन आशीष के कारनामों की भनक किसी को नहीं लगी। अब अचानक कनखल के प्रॉपर्टी डीलर प्रद्युम्न अग्रवाल के सुनील राठी के नाम की धमकियां के मुकदमे प्रकाश में आये तो केस की कड़िया जुड़ने लगी। जगजाहिर हुआ कि आशीष शर्मा सुनील राठी का राजदार है। पुलिस सबूतों को जुटाने लगी। कनखल पुलिस, हरिद्वार पुलिस और एसओजी ने तमाम सबूत जुटाकर आशीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। इस पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें निकलकर आई हैं।

सुधीर गिरि हत्याकांड़ के बाद पकड़ी गई थी लाखों की शराब
महंत सुधीर गिरि की हत्या का खुलासा होने के बाद पुलिस की छापेमारी में आशीष शर्मा ऊर्फ टुल्ली के घर से करीब 35 लाख रुपये की शराब बरामद हुई थी। जिसमें से अधिकांश शराब विदेशी थी। हालांकि उस समय पुलिस ने बरामद शराब को छोड़ दिया था। बिना कार्रवाई के शराब का छोड़ा जाना लोगों में चर्चाओं में आज भी है।
कांग्रेसी नेता भी हैं टुल्ली के राजदार
आशीष शर्मा का वर्चस्व बढ़ता देख खादी और खाकी ने टुल्ली से सम्पर्क बढ़ाना शुरू किया। इसी के चलते एक नेता ने आशीष की काफी मदद की। यहां तक की राधाकृष्ण मंदिर भूमि मामले में कांग्रेसी नेता जो पूर्व मुखिया का खास रहा है, ने मंदिर भूमि को बचाने में लगे लोगों को धमकाने और उन्हें खरीदने की कोशिश की। इतना ही नहीं नेताजी को मकान दिलवाने में आशीष ने अपनी दोस्ती निभाते हुए आर्थिक मदद की, किन्तु पैसों को लेकर दोनों के रिश्तों में आज कटवाहट आ चुकी है। वैसे इन नेताजी ने कई गैरकाननी काम करवाने में आशीष की मदद की। मजेदार बात यह कि महंत सुधीर गिरि हत्याकांड़ में आशीष को बचाने में यह नेताजी सबसे आगे रहे, किन्तु पुलिस के समक्ष इनकी एक न चली।

संत भी है टुल्ली का खासमखास
महंत सुधीर गिरि हत्याकांड का खुलासा होने तथा टुल्ली के जेल जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ता देख एक महंत के चेहरे की हवाईयां भी उड़ गईं है। भले ही बाहर से इन संत ने टुल्ली का विरोध किया, किन्तु अपने को बचाने के लिए टुल्ली की मदद संत ने ही की हैं। पूर्व में शीतला माता मंदिर परिसर के भूमि विवाद को निपटाने के लिए भी इन संत ने रूड़की कोर्ट में हुई गोलीबारी में मारे गए देवपाल राणा को 15 लाख रुपये दिए थे। जबकि दूसरे कुख्यात के रिश्तेदार को एक प्लाट इंदु इंकलेव में दिया गया। जिसकी चर्चा आशीष शर्मा की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्रवासियों की जुबां पर है।
खाकी और खादी की टुल्ली पर रही खासी कृपा
प्रॉपर्टी डीलर के व्यवसाय में कदम रखते ही आशीष शर्मा ऊर्फ टुल्ली के हौसंले आखिर क्यों बुलंद होते गए। इसके पीछे खाकी और खादी का आशीष के साथ गठजोड़ था। जहां खाकी के कई दागदारों ने अपना धन टुल्ली के व्यवसाय में लगाया वहीं कई खाकी वाले भी टुल्ली के व्यवसाय से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहे। इस कारण खाकी और खादी का पूरा सहयोग आशीष को मिला। जिस कारण वह स्वंय को हरिद्वार का डॉन बनने का सपना देखने लगा था।