हरिद्वार में 10 से 12 जनवरी तक होगा लिटरेचर फेस्टिवल




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सोनी चौहान
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष भी हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल के निदेशक प्रो0 श्रवण कुमार शर्मा ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि यह लिटरेचर फेस्टिवल तीन दिवसीय 10 से 12 जनवरी 2020 को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय सभागार में उद्घाटन सत्र आयोजित किया जायेगा।
फेस्टिवल का मूल उद्देश्य यह है कि जो लोग साहित्य से विमुख हो गए है, उनके अन्दर साहित्य की चेतना जगाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है और समाज का लेखा-जोखा है। किसी भी राष्ट्र या सभ्यता की जानकारी उसके साहित्य से प्राप्त होती है। साहित्य लोकजीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल समाज और शिक्षण संस्थानों को साहित्य से जोड़ने का एक सेतु बनेगा। साहित्य का समाज से वही संबंध है, जो संबंध आत्मा का शरीर से होता है। साहित्य समाज रूपी शरीर की आत्मा है। साहित्य अजर-अमर है। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल का मुख्य केन्द्र समीर अंजान होंगे। समीर का 600 फिल्मों में कविता और गीत प्रस्तुत कर चुके है| उनकी बायोग्राफी का सम्बन्ध साहित्य से है। अच्छे रचनाकार है। नेपाल से पधार रहे बसन्त चौधरी ‘चाहत के साए’ में एक सत्र रखा गया है। इसी क्रम में महिला जगत की साहित्यकार और लेखक प्रीता एम0 ठाकुर, रूबी गुप्ता, शशि ठाकुर, अंगा जोगलेकर एवं अपर्णा शर्मा फेस्टिवल में महिला उत्थान को लेकर एक सत्र किया जाएगा। साहित्य के क्षेत्र में विख्यात लेखक व साहित्यकार डा विष्णु दत्त ‘राकेश’ का रचना संसार पर एक सत्र रखा गया है। संस्कृत और उर्दू के गंगा जमुनी के रूप में संस्कृत की कविता और उर्दू की शायरी का भव्य संगम इस फेस्टिवल में साहित्यिक छटाएं बिखेरेगा। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल के माध्यम से धर्म नगरी हरिद्वार के लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
फेस्टिवल में युवा साहित्यकार, नए रचनाकार और लेखकों का मंचन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल को समाज, शिक्षण संस्थाओं और औद्योगिक इकाईयों से जोड़ने का काम किया जाएगा। साहित्य हमें वह चेतना देता है जो एक दूसरे के प्रति समन्वय स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि अन्तःप्रवाह सोसायटी के प्रमुख संजय हाण्डा के सहयोग से इस फेस्टिवल के माध्यम से साहित्य को हरिद्वार के जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। इस फेस्टिवल में एक विशेष सत्र रखा गया है ‘गीता’। गीता का सत्र स्वामी ज्ञाननन्द महाराज करेंगे। देश के जाने माने अंग्रेजी के साहित्यकार और लेखक प्रो0 कपिल कपूर इस फेस्टिवल में शिरकत करेंगे। इसके अलावा भूटान और नेपाल से नामचीन साहित्यकार पधार रहे हैं।

नामचीन साहित्यकार बसन्त चौधरी, सनत रेग्मी, गुरदीप, शैलेश तिवारी, दिलदार देहल्वी, एस0के0 शर्मा, निरंजन मिश्र अम्बेर खरबन्दा इस फेस्टिवल की शोभा बढ़ायेंगे। प्रेस वार्ता में फेस्टिवल के समन्वयक प्रो0 वी0के0 सिंह, प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, संजय हाण्डा, डा0 पंकज कौशिक इत्यादि उपस्थित रहे।