हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी में जनता संग मनाया इगास-बग्वाल पर्व




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लोकगीत, नृत्य और ‘भैलो’ की गूंज से झूम उठा नगर — पूर्व मुख्यमंत्री बोले, “इगास हमारी संस्कृति की आत्मा है”

न्यूज127, पौड़ी
गढ़वाल मंडल के हृदयस्थल पौड़ी नगर का ऐतिहासिक रामलीला मैदान आज लोक संस्कृति, आस्था और परंपरा के रंगों से सराबोर रहा। इगास–बग्वाल पर्व के शुभ अवसर पर पूरे नगर में लोकगीतों, ढोल-दमाऊं और ‘भैलो’ की गूंज से उत्सव का अद्भुत वातावरण बना रहा।

हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थानीय जनता के साथ इगास पर्व में सहभागिता की। उन्होंने पारंपरिक रीति से पर्व का शुभारंभ किया और कहा कि “इगास केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी हिमालयी संस्कृति, पारिवारिक एकता और लोकआस्था का प्रतीक है, जो हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है।”

लोकधुनों और नृत्य से झूम उठा पौड़ी

गास पर्व के अवसर पर नगर के विभिन्न सांस्कृतिक दलों और विद्यालयों के कलाकारों ने गढ़वाली लोकगीत, झूमेलो, चांचरी, थड़िया जैसे पारंपरिक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। ‘भैलो’ खेलने की परंपरा में सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सहभागिता कर जनता के उत्साह को दोगुना कर दिया। पूरा मैदान तालियों और लोकगीतों की गूंज से भर गया।

“लोकधारा ही समाज की आत्मा है” — त्रिवेंद्र सिंह रावत

हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय अंचलों की लोकधारा आज भी समाज को संस्कार, सहयोग और सद्भाव के सूत्र में बाँधे हुए है। उन्होंने कहा कि “हमारी लोक संस्कृति केवल परंपरा नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली है, जो पीढ़ियों को जोड़ती है और हमारी पहचान को जीवित रखती है।”

सांसद अनिल बलूनी ने इस अवसर पर कहा कि देवभूमि के पर्व हमें सिखाते हैं कि अपनी संस्कृति पर गर्व करना ही सच्चा विकास है। जब लोक संस्कृति जीवित रहती है, तभी समाज जीवंत रहता है।

कार्यक्रम में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। मैदान में उपस्थित जनसमूह ने ‘जय देवभूमि उत्तराखंड’ और ‘इगास की जय’ के जयघोष से पूरा वातावरण लोकभावना से भर दिया।