दीपक चौहान.
देश विदेश में आस्था का केंद्र बनी धर्मनगरी में आस्था के सबसे बड़े घाट हरकी पैडी पर आकर मानवता शर्मसार हो रही है। दरअसल हरकी पैडी के ठीक सामने मालवीय घाट पर बने चेजिंग रूम बदहाल अवस्था में हैं। इनके दरवाजे गायब हैं, ऐसे में इस घाट पर गंगा स्नान के बाद महिलाओं को कपड़े बदलने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं बिना दरवाजे के चेजिंग रूम में फटे पुराने कपड़े टांग कर अपने कपड़े बदलने के लिए मजबूर हैं, जिससे यहां मानवता शर्मसार हो रही है। इतना होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खामोश है और इस कमी की ओर से अपनी आंखें बंद किये बैठे हैं।

जानकारी के अनुसार मालवीय घाट पर मेले के दौरान 12 ड्रेसिंग केबिन बनाए गए थे। इन ड्रेसिंग केबिन का इस्तेमाल गंगा स्नान के बाद महिलाएं कपड़े बदलने के लिए करती हैं। लेकिन वर्तमान में इनकी हालत बेहद बदहाल हो गई है। घाट पर बने 12 ड्रेसिंग केबिनों में से 9 केबिन ऐसे हें जिनमें किसी पर एक भी दरवाजा नहीं है तो किसी का एक दरवाजा गायब है। केबिन में पार्टीशन कर दो लोगों को एक साथ कपड़े बदलने की सुविधा दी गई हैं। ऐसे में दरवाजे न होने पर फटे पुराने कपड़े टांग कर मजबूरी में महिलाओं को अपने कपड़े इन केबिनों में बदलने पड़ रहे हैं। ऐसे पवित्र स्थान पर शर्मसार हो रही मां बेटियों की किसी को परवाह नहीं है। लाखों रूपये साफ सफाई के नाम पर यहां खर्च किये जा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार इस बदहाली पर खामोश हैं। खास बात ये है कि जिस घाट से ड्रेसिंग केबिन के दरवाजे गायब हुए हैं वहां हर समय चौकसी रहती है। पुलिस चौकी भी हरकी पैडी घाट पर ही है। गंगा सेवा समिति के सदस्य भी हर समय घाट पर घूमते रहते हैं। ऐसे में कौन इनके दरवाजे उखाड़ ले गया ये भी बड़ा सवाल है।

गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि गंगा सभा हरकी पैडी की ओर बने केबिनों का रखरखाव करती है। मालवीय घाट पर बने केबिन के रखरखाव का जिम्मा हमारे पास नहीं है। इन चेंजिंग केबिन का इस्तेमाल असामाजिक लोग भी कर रहे हैं। कई बार स्नान करने आने वाले भी इसमें यूनिन आदि कर गंदगी फैलाते हैं, सफाई की बड़ी समस्या है। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। केबिन को जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था वह यहां पूरा नहीं हो रहा है।



