सोनी चौहान
हाईकोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सीएस नौटियाल की नियुक्ति को अवैध बताते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने सरकार को जल्द नई सर्च कमेटी गठित कर नियमों के तहत नए कुलपति की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
देहरादून निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक यज्ञदत्त शर्मा ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। देहरादून विवि के वीसी डॉ नौटियाल ने अपनी नियुक्ति के लिए तैयार किए गए बायोडाटा में गलत तथ्य दिए हैं। उनकी नियुक्ति यूजीसी और सीएसआईआर के नियमों के विरुद्ध है। तत्कालीन शिक्षा सचिव डॉ. रणवीर सिंह की पहल पर उन्हें वीसी के पद पर नियुक्ति मिली है। याचिका में कहा है कि कुलपति बनाए गए डॉ.नौटियाल के पास शिक्षण का दस वर्ष का अनुभव तक नहीं है। इसके चलते वे वीसी पद के योग्य नहीं हैं। सीएसआईआर ने इस मामले में छूट के कोई आदेश भी पारित नहीं किए हैं। वीसी के चयन के लिए बनाई गई कमेटी भी नियमानुसार नहीं बनी है। कोर्ट ने पूर्व में वीसी को जवाब के लिए नोटिस जारी किया था। जबकि प्रदेश सरकार, यूजीसी व सीएसआईआर से भी जवाब मांगा था। मंगलवार को अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। जबकि सरकार को तत्काल नई सर्च कमेटी का गठन कर नए कुलपति की नियुक्ति नियमों के तहत करने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सीएस नौटियाल की नियुक्ति को बताया अवैध, निरस्त



