न्यूज 127.
हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी सौंदर्यीकरण की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएं हैं। एचआरडीए भगवानपुर में एक झील विकसित कर रहा है। कई हेक्टेयर में फैली ये झील विकसित होने के बाद स्थानीय लोगों की सैर के लिए अच्छा स्थल बन जाएगा और यहां आकर बच्चे भी आनंद उठा सकेंगे।

भगवानपुर में रुड़की देहरादून हाइवे पर स्थित यह झील पूरी प्लानिंग तैयार कर विकसित कर जा रही है। इसे विकसित कर सौंदर्यीकरण करने के लिए एचआरडीए चार करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि इस झील के विकसित होने से भगवानपुर को एक नई पहचान मिलेगी। झील के चारों और चारदीवारी की गई है ताकि झील के पानी में बाहर से कोई कचरा आदि न फेंके। चारदीवारी के भीतर एक पैदल पथ बनाया जा रहा है, जिस पर हरे भरे पेड़ और बिजली की रंगीन रोशनी भी लगायी जाएगी। पूरी तरह विकसित होने पर यह झील पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगी। इसके लिए झील में पैडल वोटिंग शुरू कराने की भी योजना तैयार की जा रही है।

एचआरडीए जब झील को पूरी तरह से विकसित कर देगा तो वहां एक समिति का गठन कराकर झील की देखरेख समिति को देने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि झील का रखरखाव नियमित रूप से होता रहे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर पहली बार यह कार्य किया जा रहा है। इससे पहले स्ट्रीट और सोलर लाइटें आदि ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगवायी गई हैं।

इस झील को विकसित करने के साथ साथ प्रदूषण मुक्त भी रखने की कवायद की जा रही है। इसके लिए ऐसे नाले जिनसे औद्योगिक ईकाइयों का गंदा पानी झील तक पहुंच रहा था उन्हें इस पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने इस संबंध में एक बैठक भी बुलायी है, जिसमें सिडकुल और प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के अलावा एसडीएम भगवानपुर और संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह का कहना है कि हमारा प्रयास है कि इस झील के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का मैसेज भी जनता के बीच जाए। झील विकसित होने से जहां इस क्षेत्र के वाटर लेबल को बनाए रखने में मदद मिलेगी वहीं झील के चारों और हरे भरे पेड़ होने से स्वच्छ हवा मिलेगी।