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वन्य जीवों का शिकार करने वाले शिकारियों को वन विभाग की टीम ने समय रहते गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से बंदूक, चाकू और अन्य हथियार मिले हैं। वन विभाग की टीम इनके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
पकड़े गए शिकारियों के बारे में डीएफओ हरिद्वार वैभव सिंह ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। उन्होंन बताया कि विगत दिनों हरिद्वार वन प्रभाग की हरिद्वार रेंज के पथरी क्षेत्र में गोपनीय सूत्रों के माध्यम से सक्रिय शिकारियों के दल के बारे में सूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना पर कार्यवाही करते हुए हरिद्वार वन प्रभाग के कर्मियों द्वारा क्षेत्र में सघन गश्त एवं एन्टीपोचिंग अभियान चलाया जा रहा था।
इसी क्रम में वन विभाग की टीम द्वारा दिनांक 21.04.2025 को हरिद्वार रेंज के पथरी आरक्षित वन क्षेत्र में वन्यजीवों के शिकार हेतु घात लगाये हुए नसरत अली पुत्र मौहम्मद अली निवासी मुस्तफाबाद उर्फ पदार्था हरिद्वार और बहादुर पुत्र शौकत अली निवासी सुभाष विहार, दिल्ली को पकड़ा गया। इनके पास से बन्दूक तथा चाकू इत्यादि सामग्री भी बरामद की गई है। इनसे प्रारम्भिक पूछताछ में यह प्रतीत होता है कि उक्त दल में अन्य लोग भी सम्मिलित हैं एवं इनका सम्बन्ध वन्यजीव तस्करी से जुड़े बड़े नेटवर्क से होने की सम्भावना है।
अभियुक्तगणों के विरूद्ध भारतीय वन (उत्तरांचल संशोधन) अधिनियम 2001 की धारा 26ज तथा धारा 26 झ एवं भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) की धारा 2, 9, 50 एवं 51 के तहत केस दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। साथ ही गिरफ्तार अभियुक्त को जिला कारागार हेतु निरूद्ध किया गया है। इस सम्बन्ध में जनपद हरिद्वार की पुलिस विभाग के साथ वन्यजीव तस्करी से जुडे नेटवर्क का पता लगाने हेतु वन विभाग एवं पुलिस विभाग के संयुक्त दल का गठन किया जायेगा, जिससे वन्यजीव तस्करी के पूरे नेटवर्क की पहचान करते हुए उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
इन शिकारियों को पकड़ने के लिए पूनम कैन्थोला, उप प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार के निर्देशन में गठित टीम के सदस्यों में शैलेन्द्र सिंह नेगी वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार, अरविन्द, वन दरोगा, योगेश वन आरक्षी एवं रोहित सैनी वन आरक्षी आदि सम्मिलित थे।