अपने बच्चों से करते हो प्यार… तो अजनबी कॉल पर बात करने से करो इंकार




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साइबर ठगों के नए हथकंडे – फोन पर डराकर खाली कर रहे बैंक खाते
दीपक चौहान
उत्तराखंड में साइबर अपराधी दिन-प्रतिदिन अपने तरीकों को बदलते जा रहे हैं। अब ये ठग फोन पर सरकारी अफसर बनकर, वीडियो कॉल पर फर्जी दस्तावेज दिखाकर और गिरफ्तारी का डर दिखाकर लोगों की जिंदगी भर की कमाई उड़ा रहे हैं।
हाल ही में हरिद्वार के एक सेवानिवृत्त अभियंता 1.45 करोड़ की ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने खुद को सीबीआई और ईडी अधिकारी बताया, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी दी और “पैसे सुरक्षित रखने” के बहाने रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली।

ठगों का नया ‘डिजिटल अरेस्ट’ फॉर्मूला
अज्ञात नंबर से कॉल – खुद को CBI, ED, RBI, कोर्ट या बैंक का अफसर बताना।
डर का माहौल बनाना – गंभीर अपराध में फंसाने की धमकी।
फर्जी सबूत दिखाना – वीडियो कॉल पर नकली वारंट, आईडी कार्ड, सील व हस्ताक्षर।
पैसे ट्रांसफर करवाना – “सुरक्षित रखने” या “जांच में जमा” करने के बहाने अलग-अलग खातों में भेजना।
संपर्क तोड़ देना – रकम मिलने के बाद कॉल, व्हाट्सऐप, सब ब्लॉक।

पीड़ित की जुबानी
हरिद्वार निवासी करीब 40 वर्षीय बुजुर्ग ” बेहद डरे सहमे थे। उनकी आवाज मुंह से नही आ रही थी। उनका चेहरा देखकर लग रहा था कि मानो आरोपियों ने उनको पूरी तरह कैद में रखा हुआ है। बैंक कर्मचारियों ने इतनी बड़ी रकम को ट्रांसवर करने से रोका। लेकिन पीड़ित बुजुर्ग ने एक ना सुनी। पुलिस को भी नही बताया। पीड़ित रोजाना बैंक जाता और एफडी तोड़कर आरोपियों के खातों में रकम जमा करा देता।
आरोपियों ने बुजर्ग को कहा कि आपका नाम एक बड़े अपराध में आया है, अगर सहयोग नहीं करेंगे तो जेल भेज देंगे। डर के मारे बुजुर्ग ने अपनी सारी बचत उनके बताए खातों में डाल दी।”

साइबर ठगी से बचने के 5 पक्के उपाय
कभी भी अज्ञात कॉल पर बैंक, आधार, OTP, पिन या अकाउंट डिटेल न दें।
सरकारी विभाग फोन पर पैसे ट्रांसफर करने को नहीं कहते।
गूगल से कस्टमर केयर नंबर न खोजें, हमेशा आधिकारिक वेबसाइट देखें।
कोई धमकी भरा कॉल आए तो तुरंत 1930 पर शिकायत करें।
बच्चों और बुजुर्गों को इन तरीकों के बारे में पहले से जागरूक करें।

पुलिस की अपील
“किसी भी तरह का डराने वाला कॉल या संदेश मिलने पर घबराएं नहीं, तुरंत नजदीकी थाने या साइबर हेल्पलाइन पर जानकारी दें।” – एसएसपी, एसटीएफ, नवनीत सिंह भुल्लर