न्यूज127, हरिद्वार।
जनपद हरिद्वार में प्रशासन ने नए सर्किल रेट की सूची जारी कर दी है, जो 4 अक्तूबर 2025 से प्रभावी हो गई है। नए दरों के लागू होने के साथ ही अब तहसील कार्यालयों में संपत्तियों की रजिस्ट्री इन्हीं संशोधित सर्किल रेट के आधार पर की जा रही है।
प्रशासन द्वारा जारी दरों के अनुसार, हरकी पैड़ी क्षेत्र अभी भी हरिद्वार का सबसे महंगा इलाका बना हुआ है। यहां दुकानों, रेस्टोरेंटों, कार्यालयों और अन्य कॉर्मिशियल भवनों के लिए सर्किल रेट ₹2 लाख 42 हजार प्रति वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है। वहीं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए यह दर ₹1 लाख 93 हजार प्रति वर्ग मीटर तय की गई है।
बहुमंजिला आवासीय भवनों का सर्किल रेट ₹80 हजार प्रति वर्ग मीटर रखा गया है। हालांकि, गैर वाणिज्यिक भवनों की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया है।
प्रशासनिक विवरण के अनुसार —
हरकी पैड़ी क्षेत्र में अपर रोड के वार्ड 7, 8 और 11 को A-1 कैटेगरी में रखा गया है। A-2 कैटेगरी में जोगिया मंडी क्षेत्र (वार्ड 8, गऊघाट) और A-3 कैटेगरी में ऋषिकुल रोड तिराहे से लेकर शंकर आश्रम तक का क्षेत्र शामिल है, जिसमें वार्ड 14 (ऋषिकुल), वार्ड 15 (विवेक विहार), वार्ड 18 (गोविंदपुरी) और वार्ड 19–20 (खन्ना नगर एवं आवास विकास) सम्मिलित हैं।
B-1 कैटेगरी में रेलवे रोड पर शिवमूर्ति तिराहे से ऋषिकुल तिराहे तक का एरिया शामिल किया गया है। इसमें वार्ड 12, 13 और 14 आते हैं। इस क्षेत्र में कॉर्मिशियल भवनों के सर्किल रेट ₹2 लाख 10 हजार व ₹1 लाख 65 हजार प्रति वर्ग मीटर तय किए गए हैं।
इसके अलावा बीएचईएल रोड, ज्वालापुर कोतवाली रोड, अवधूत मंडल आश्रम रोड, हरिद्वार-कनखल रोड, हरिद्वार बाईपास रोड और दिल्ली रोड (रानीपुर मोड़ से नया हरिद्वार पुल तक) के इलाकों में भी करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह हरिद्वार-लक्सर रोड पर जगजीतपुर क्षेत्र में भी सर्किल रेट 10 प्रतिशत तक बढ़ाए गए हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में तेजी से आबादी विकसित हो रही है।
आवासीय संपत्तियों के रेट स्थिर — गृह निर्माण की योजना वालों को राहत
नए सर्किल रेट में जहां कॉर्मिशियल भवनों की दरों में 8 से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं नगर निगम क्षेत्र में आवासीय भवनों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे अपना घर बनाने की योजना बना रहे लोगों को राहत मिलेगी।
ग्रामीण इलाकों में सर्किल रेट में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, नए दरों के साथ अब संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और अद्यतन मानकों के अनुरूप की जा रही है।