उत्तराखंड पुलिस का इकबाल बुलंद करने वाले आईपीएस अशोक कुमार बने पुलिस महानिदेशक




Listen to this article

नवीन चौहान
उत्तराखंड कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अशोक कुमार को नये साल का तोहफा मिला है। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार को प्रोन्नति के बाद पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एवं निदेशक अभियोजन तथा सचिव स्पोर्ट्स की नई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई हैं।
साल 1989 बैंच के आईपीएस अशोक कुमार वर्तमान में एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। साल 1989 में आईपीएस बनने के पहली पोस्टिंग अंडर ट्रैनी एएसपी इलाहाबाद हुई। यूपी के अलीगढ,़ रूद्रपुर, चमोली के बाद साल 1995 में हरिद्वार एसएसपी के तौर पर अशोक कुमार ने कार्यभाल संभाला। इसके बाद एसएसपी शाहजहांपुर, मैनपुरी, नैनीताल, मथुरा के जनपदों की सेवा करने के बाद उन्होंने उत्तराखंड कैडर ले लिया। साल 2002 में अशोक कुमार को एक बार फिर हरिद्वार जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद का कार्यभार दिया गया। इस दौरान यूपी में अपराधियों का बोलवाला था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफफरनगर के बदमाशों का दुनिया में नाम हुआ करता था। आईपीएस अशोक कुमार ने बदमाशों से जमकर लोहा लिया और उनको धूल चटाई। बताते चले साल 2002 में हरिद्वार वेस्ट यूपी के बदमाशों की शरणस्थली बना हुआ था। तत्कालीन एसएसपी अशोक कुमार के निर्देशों पर पुलिस ने बदमाशों से जमकर लोहा लिया था। इस दौरान पुलिस ने बदमाशों से मुठभेड़ की और कई बदमाशों को मार गिराया। तत्कालीन एसएसपी अशोक कुमार ने वेस्ट यूपी के बदमाशों के मन में उत्तराखंड पुलिस का खौफ पैदा करने का कार्य किया। जिसके चलते उत्तराखंड पुलिस का इकबाल बुलंद हुआ। साल 2002 में ही उत्तराखंड राज्य में नई पुलिस फोर्स की भर्ती किये जाने का कार्य शुरू हुआ था। उत्तराखंड की नई पुलिस को बेहतर पुलिसिंग के गुर सिखाने का कार्य भी अशोक कुमार ने किया। अशोक कुमार ने एसपी रूद्रपुर के कार्यकाल में दो आतंकवादियों को मारने का कारनामा भी किया था। आतंकवादी हीरा सिंह और बिट्टा को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मार गिराया था। करीब तीन दशकों के अनुभव के बाद आईपीएस अशोक कुमार ने पुलिस के मानवीय दृष्टिकोण पर केंद्रित करते हुए एक पुस्तक खाकी में इंसान लिखी। इस पुस्तक को समाज के हर वर्ग की ओर से सराहा गया। करीब तीन दशकों तक यूपी और उत्तराखंड की जनता की सेवा करने के बाद 31 दिसंबर 2018 को अशोक कुमार को एक बाद फिर पदोन्नति का तोहफा मिला है। जिसके चलते उनको पुलिस महानिदेशक बनाया गया है।