खटटे-मीठे अनुभव के साथ जवान हो गई मित्र पुलिस, जानिये पूरी खबर




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नवीन चौहान
हरिद्वार। उत्तराखंड की मित्र पुलिस 17 सालों के खट्टे-मीठे अनुभव लेकर परिपक्व हो गई है। मित्र पुलिस के जवानों का आचरण यूपी पुलिस की तुलना में लाख दर्जे बेहतर है। कर्तव्यनिष्ठा के मामले में भी उत्तराखंड पुलिस पूरी संजीदा है। देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर ढंग से निभाने में भी मित्र पुलिस का कोई जबाव नहीं है। महाकुंभ पर्व, कांवड़ मेले व हरिद्वार में लगने वाले लक्खी मेल, नंदादेवी राजजात यात्रा व चारधाम यात्रा को सकुशल संपन्न कराने का अच्छा अनुभव पुलिस को है। भ्रष्टाचार के कुछ आरोपों को छोड़ दें तो मित्र पुलिस पर कोई बड़ा दाग वर्दी पर नहीं है। हां अपरिपक्वता के चलते एक फर्जी रणवीर एनकाउंटर का एक कलंक मित्र पुलिस की वर्दी पर जरूर लगा है। इस घटना से सबक लेने के बाद मित्र पुलिस की परिपक्वता में लगातार इजाफा हुआ है।
साल 2000 में राज्य गठन के बाद ही उत्तराखंड की सुरक्षा के लिये पुलिस बल की स्थापना की गई। मित्रता सेवा सुरक्षा का स्लोगन पुलिस को दिया गया। राज्य के 13 जनपदों से युवाओं को पुलिस में भर्ती किया गया। यूपी के अनुभवी पुलिस अधिकारियों की छत्र छाया में उत्तराखंड की पुलिस ने कानून की बारीक दांव पेंच को समझा। पुलिस डयूटी और वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था की गहराईयों को समझा। वक्त बीतता चला गया। उत्तराखंड की पुलिस मित्रता सेवा और सुरक्षा के स्लोगन को चरितार्थ करती चली गई। वेस्ट यूपी के कुख्यात अपराधियों की कमर भी तोड़ी। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में बेहतर कार्य किया। अत्याधुनिक हथियारों के सीमित संसाधनों में मित्र पुलिस ने अच्छे कार्य किये। इन 17 सालों में पुलिस के खाते में कई बड़ी उपलब्धियां भी जुड़ गईं। बच्चा चोर गैंग का खुलासा किया। तो किडनी चोरी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया। मित्र पुलिस के जवानों ने खेल जगत की दुनिया में भी उत्तराखंड का परचम लहराया। मित्र पुलिस के जवानों में गीत संगीत की प्रतिभायें भी छिपी हैं। इसके अलावा पुलिसिंग के मामले में जवान पूरी तरह से कर्तव्यनिष्ठ हैं। साल 2002 बैंच में भर्ती हुये दारोगा 17 सालों में निरीक्षक पद पर प्रोन्नत हो गये। यूपी के जमाने में भर्ती निरीक्षक अनिल जोशी, निरीक्षक चंदन सिंह चौहान, सीओ जेपी जुयाल, सीओ महेश चंद्र जोशी सहित तमाम सीनियर पुलिस अधिकारियों ने वर्तमन के निरीक्षक रितेश शाह, प्रदीप बिष्ट, प्रवीण सिंह कोश्यारी, प्रमोद उनियाल, अमरजीत सिंह सहित तमाम दारोगाओं को पुलिसिंग की बारीकियों को समझाया। उत्तराखंड की वर्तमान मित्र पुलिस तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिये अब पूरी तरह से जवान हो चुकी है। इन निरीक्षकों ने समय-समय पर अपनी काबलियत को दर्शाया भी है। साल 2002 बैंच के अनुभवी निरीक्षकों के सानिध्य में वर्तमान पुलिस के सिपाही और दारोगा राज्य की सुरक्षा और व्यवस्था के साथ उत्तराखंड पुलिस का मान बढाने में लगे है।
महिला पुलिस ने भी किया बेहतर प्रदर्शन
मित्र पुलिस की महिला दारोगाओं और कांस्टेबल ने भी बेहतर प्रदर्शन कर अपनी ताकत का एहसास कराया है। महिला पुलिस ने कई शातिर अपराधियों को जेल भेजा। महिला पुलिस ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया। महिला सेल में परिवार को जोड़ने में महती भूमिका अदा की। न्रम स्वभाव की महिला पुलिस ने अपना संयम नहीं खोया और पूरी परिपक्वता दिखाई।