बैरागी कैंप से रूड़की तक ब्रेड पकोड़े और चाय-पकोड़ी ने पकड़ी रफ्तार
न्यूज127
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में जहां भक्ति और आस्था का सैलाब उमड़ा, वहीं इसका आर्थिक असर भी ज़बरदस्त दिखा। लाखों कांवड़ियों की भीड़ ने न केवल धार्मिक स्थलों को गुलजार किया, बल्कि ब्रेड पकोड़े, चाय-पकोड़ी और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों के कारोबार को भी रफ्तार दे दी।
बैरागी कैंप पार्किंग स्थल से लेकर मिस्सरपुर, जगजीतपुर, गुरुकुल कांगड़ी, कनखल और रुड़की तक के हाईवे पर पकोड़े की दुकानों की भरमार रही। अस्थायी दुकानदारों ने ब्रेड पकोड़े और आलू पकोड़ी जैसे तले हुए व्यंजनों को मनमाफिक दामों पर बेचा और जमकर मुनाफा कमाया। एक अनुमान के अनुसार, केवल पकोड़ों और चाय के स्टॉलों से ही लाखों रुपये का कारोबार हुआ।
कोल्ड ड्रिंक और पानी की जबरदस्त मांग
कांवड़ियों की भीड़ और उमस भरे मौसम के चलते कोल्ड ड्रिंक और पानी की मांग अपने चरम पर रही। हाईवे पर स्थित दुकानों पर हर वक्त भीड़ दिखाई दी। कई दुकानदारों ने मिनरल वाटर की बोतलें भी अधिक मूल्य पर बेचीं, जिससे स्थानीय प्रशासन को कुछ स्थानों पर हस्तक्षेप भी करना पड़ा।
स्थानीय युवाओं को मिला रोजगार
कांवड़ यात्रा ने स्थानीय युवाओं के लिए भी आर्थिक अवसर खोल दिए। बड़ी संख्या में युवाओं ने अस्थायी स्टॉल लगाकर नाश्ते, पेय पदार्थ और पूजन सामग्री बेची। रोजाना हजारों रुपये की बिक्री कर कई लोगों ने कुछ ही दिनों में अच्छा खासा लाभ कमाया।
प्रशासन की अनदेखी?
हालांकि प्रशासन ने मूलभूत व्यवस्थाओं का दावा किया था, लेकिन कई जगहों पर दामों पर नियंत्रण नहीं दिखा। दुकानदारों ने 10-20 रुपये की वस्तु को 30-40 रुपये में बेचा और ग्राहकों के पास कोई विकल्प नहीं था।
कांवड़ यात्रा 2025: चाय पकोड़े और पेय पदार्थों का करोड़ों का कारोबार




