गृहस्थ जीवन में रहकर तंत्र क्रिया व योग की दीक्षा से अध्यात्म की अनुभूति: करौली शंकर महादेव




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न्यूज127, हरिद्वार
उत्तरी हरिद्वार स्थित मिश्री मठ में 4 से 8 नवंबर तक पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आस्था से जुड़ा यह महोत्सव इस बार विशेष रहेगा, जिसमें देश-विदेश से लगभग 30 हजार साधक तंत्र क्रिया योग दीक्षा हेतु भागीदारी करेंगे। कार्यक्रम में देश के प्रमुख संतगण, गणमान्य हस्तियां और श्रद्धालु भी शामिल होंगे।

मिश्री मठ के संस्थापक और भारतीय संस्कृति के प्रचारक करौली शंकर महादेव ने प्रेसवार्ता में बताया कि दीक्षा एवं ध्यान साधना से व्यक्ति को रोग-कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में नकारात्मकता समाप्त होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आध्यात्मिक साधना, मंत्र दीक्षा, भजन संध्या और प्रवचनों का संगम होगा, जिसमें साधकों को 21 स्तरीय तंत्र क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की जाएगी।

प्रतिदिन का कार्यक्रम
4 नवंबर : भजन संध्या एवं ध्यान साधना, 5 नवंबर : सामूहिक हवन एवं मंत्र दीक्षा, 6 नवंबर : साधक महासम्मेलन एवं देवभूमि रजत उत्सव, 7 नवंबर : साधना एवं भजन संध्या, 8 नवंबर : साधना एवं समापन समारोह

करौली शंकर महादेव ने बताया कि तंत्र क्रिया योग साधना इस आयोजन का प्रमुख केंद्र रहेगा, जिसके माध्यम से साधक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का अनुभव करेंगे। यह साधना श्री राधारमण शिष्य संप्रदाय की परंपरा से जुड़ी है। मिश्री मठ में प्रत्येक पूर्णिमा को विशेष साधना और दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नए साधकों को दीक्षा और वरिष्ठ साधकों को उच्च स्तरीय साधना हेतु आमंत्रित किया जाता है।
अब तक दो लाख से अधिक साधक इस परंपरा से जुड़ चुके हैं। ये सभी पारिवारिक जीवन में रहते हुए ध्यान, साधना और सेवा के माध्यम से अपने आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक उत्थान का अनुभव कर रहे हैं। इस वर्ष के आयोजन में विशेष रूप से “जीरो बैलेंस ध्यान सत्र” भी होंगे, जिनमें साधकों को मन और चेतना के गहन संतुलन की अवस्था तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा।

युवा पीढ़ी और समाज के लिए संदेश
करौली शंकर महादेव ने कहा कि संस्था का उद्देश्य युवा पीढ़ी को संस्कार, दिशा और नशा मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर करना है। उन्होंने बताया कि समाज में जन-जागरण हेतु पदयात्रा अभियान भी प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “तंत्र शुद्धतम व्यवस्था है, लेकिन ढोंग व आडंबरों के कारण इसे गलत दृष्टि से देखा जाता है, जबकि इसका वास्तविक स्वरूप आत्मशुद्धि और संतुलन से जुड़ा है।”

रजत जयंती उत्सव में आंदोलनकारियों का सम्मान
करौली शंकर महादेव ने बताया कि उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 6 नवंबर को देवभूमि रजत जयंती उत्सव के अंतर्गत उन आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे 4 से 8 नवंबर तक मिश्री मठ में आयोजित पंचदिवसीय कार्यक्रम में शामिल होकर इस आध्यात्मिक पर्व का लाभ उठाएं और देवभूमि के रजत वर्ष में अपना योगदान दें।