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बिहार में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को अपने चुनाव लड़ने की स्थिति को पूरी तरह साफ कर दिया है। उन्होंने एलान करते हुए कहा कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस फैसले को उन्होंने पार्टी हित में बताया। प्रशांत किशोर का कहना है कि जन सुराज पार्टी अगर बिहार चुनाव जीतती है, तो इसका राष्ट्रव्यापी असर होगा।
प्रशांत किशोर का कहना है कि इस चुनाव परिणाम से राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल जाएगी। पार्टी ने फैसला किया है कि मैं विधानसभा चुनाव न लड़ूं, और इसी कारण राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ हमने किसी और उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। यह फैसला पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है। अगर मैं चुनाव लड़ता, तो जरूरी संगठनात्मक कार्यों से मेरा ध्यान भटकता।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने बिहार को भू-माफिया, बालू माफिया और तमाम तरह के माफियाओं से मुक्त करने का वादा किया है। इसी दिशा में हमने छह बड़े वादे किए हैं, जिनमें फर्जी शराबबंदी नीति को खत्म करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के एक महीने के भीतर एक कानून बनाया जाएगा, जिसके तहत 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की पहचान की जाएगी। मुझे पूरा यक़ीन है कि ये लोग अभी से पूजा-पाठ कर रहे होंगे कि हम सत्ता में न आएं। इन भ्रष्ट लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उनकी अवैध संपत्ति जब्त कर राज्य के खजाने में जमा की जाएगी, ताकि बिहार के विकास में उसका इस्तेमाल हो सके। यह वही विकास है जो इन लोगों की वजह से रुका पड़ा है।
जानिए चुनाव के बाद 100 भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों पर एक्शन की बात क्यों कर रहे प्रशांत किशोर


