मां मेयर तो संवरेगा बेटे का राजनैतिक जीवन, मां का चुनाव प्रतिष्ठा बेटे की दांव पर




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  • मां के सम्मान में दो बेटे मैदान में, रवि और वरूण के बीच चुनावी जंग
  • मां को मेयर बनाने के लिए दो बेटों की प्रतिष्ठा और राजनैतिक भविष्य दांव पर
    न्यूज127
    मां मेयर बनेगी तो बेटे का राजनैतिक जीवन संवरना तय है। बेटे का राजनैतिक भविष्य ऊंचाईयों को छूअेगा। इसी के चलते मां को हरिद्वार का मेयर बनाने की जिम्मेदारी उनके बेटों ने संभाल रखी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की महिला प्रत्या​शी को चुनाव में जीत दिलाने की जिम्मेदारी उनके सुपुत्रों की है। भाजपा प्रत्याशी किरण जैसल के सुपुत्र रवि जैसल ने मैदान में मोर्चा संभाला हुआ है तो कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश बालियान के सुपुत्र वरूण बालियान चुनाव की पूरी बागडोर खुद संभाले हुए है। दोनों ही बेटे अपनी मां को मेयर की कुर्सी पर सुशोभित करने ​के लिए संघर्ष कर रहे है। राजनैतिक दांव पेंच चल रहे है। देखना होगा कि जीत का सेहरा किस बेटे के सिर सजेगा। हालांकि आम आदमी पार्टी से शिप्रा सैनी भी चुनाव लड़ रही है, जिनके चुनाव की कमान उनके पति संजय सैनी से संभाल रखी है। लेकिन चुनाव का मुख्य मुकाबला दो बेटों के बीच ही देखने को मिलेगा।
    हरिद्वार नगर निगम के मेयर की कुर्सी पर ओबीसी महिला विराजमान होगी। भाजपा ने किरण जैसल को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। किरण जैसल के सुपुत्र रवि जैसल छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय है। इसके अलावा भाजपा के युवा मोर्चा और संगठन के तमाम पदों पर दायित्व संभाव चुके है। युवाओं में उनकी मजबूत पकड़ है। व्यवहार कुशल होेने के साथ ही राजनीति के दांव पेंच को भली भांति समझते है। अगर वह अपनी मां किरण जैसल को चुनाव जिताने में कामयाब रहे तो उनका राजनैतिक भविष्य सुनहरा रहेगा। भाजपा में उनके संबंध घनिष्ठ होने के साथ ही उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। रवि जैसल हरिद्वार के लिए बड़ा चेहरा माने जायेंगे।
    वही बात करें कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश बालियान के सुपुत्र की तो वरूण बालियान राजनीति में बचपन से ही सक्रिय रहे है। कांग्रेस से जुड़े होने के ​साथ ही अपने राजनैतिक गुरू पूर्व विधायक अंबरीष कुमार से राजनीति के तमाम गुर सीख चुके है। लेकिन वरूण की सबसे बड़ी ताकत उनके सरल स्वभाव की है। वह अपने गुरू अंबरीष की तरह आम जनमानस से गुस्से और कठोर वाणी में बात नही करते है। वरूण पेशे से वकील होने के साथ ही सामाजिक और स्पष्ट बोलने में यकीन रखते है। सामाजिक संबंधों को निभाने और लोगों की मदद करने में वरूण बालियान सदैव आगे रहते है। यही कारण कि कांग्रेस हाईकमान ने वरूण बालियान की साफ सुथरी छवि को देखते हुए उनकी मां अमरेश बालियान को मेयर का प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा। वरूण ने टिकट मिलने के बाद ही हरिद्वार में कांग्रेस को एकजुट किया और चुनाव प्रचार को गति प्रदान की। वरूण चुनाव को बेहतर स्थिति में ले जा चुके है। वह अपनी मां को मेयर बनाने के लिए पूरी ताकत के साथ चुनाव अभियान की कमान संभाल चुके है। अगर उनकी मां चुनाव जीत जाती है तो वरूण का रा​जनैतिक भविष्य ऊंचाईयों पर जायेगा और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
    फिलहाल तो यह चुनाव दो बेटों के राजनैतिक भविष्य को लेकर है। मां मेयर बनेगी तो बेटे का भविष्य संवरना तय है।