भांजे को सुपारी देकर सगे भाई ने की अपने भाई की हत्या,गिरफ्तार




Listen to this article

हरिद्वार। संपत्ति के लालच में एक भाई ने ही अपने सगे भांई की हत्या कर दी। हत्याकांड को अंजाम देने के लिये भांजे को एक लाख की सुपारी तय की गई। शव को रुड़की के पास सुनसान गन्ने के खेत में ठिकाने लगा दिया। पुलिस को चकमा देने के लिये आरोपी ने खुद ही लापता होने की गुमशुदगी थाने में दर्ज करा दी। पुलिस ने चंद घंटों में ही हत्याकांड की गुत्थी सुलझाकर आरोपी भाई और भांजे को गिरफ्तार कर लिया है। शव को ठिकाने लगाने वाली कार व गला दबाने में प्रयुक्त की जाने वाली चुन्नी को बरामद कर लिया है। घटना सिडकुल क्षेत्र की है।
एसपी सिटी ममता वोहरा व एएसपी रचिता जुयाल ने हत्याकांड का खुलासा करते हुये बताया कि सुखपाल पुत्र काले सिंह निवासी रामनगर कालोनी डेंसो चौक थाना सिडकुल ने आठ अक्टूबर को पुलिस को अपने भाई बाबूराम के गुमशुदा होने की सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर लापता की तलाश शुरू कर दी। इसी दौरान पुलिस को रुड़की के पास एक गन्ने के खेत में एक व्यक्ति का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ। शिनाख्त कराने पर उसकी पहचान लापता बाबूराम के रुप में हुई। मृतक का गला दबाकर हत्या करना प्रतीत हुआ। पुलिस को शक हो गया। सिडकुल थाना प्रभारी दीपक कठैत व दारोगा वेदपाल सिंह, दारोगा मोहन सिंह कठैत, दारोगा अमित भट्ट की टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने तेजी से तफ्तीश करते हुये मृतक बाबूराम के भाई सुखपाल को बुलाकर लापता होने की जानकारी पर गहनता से पूछताछ की गई। पुलिस टीम को सुखपाल के बयानों में विरोधाभास नजर आया। सुखपाल से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसके बाबूराम की हत्या करना कबूल कर लिया। आरोपी सुखपाल ने बताया कि संपत्ति के लालच में ही उसने अपने भांजे देवा उर्फ सन्नी उर्फ कलुवा पुत्र राजेश्वर निवासी नगली, दौराला, मेरठ यूपी की की मदद से बाबूराम को शराब पिलाई गई। शराब के नशे में धुत्त हो जाने पर बाबूराम का गला घोंट कर हत्या कर दी। आरोपी सुखपाल और देवा ने रुड़की के पास एक कार में शव को रखकर फेंक दिया। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
सगे भाईयों के पास थी सगी बहने
आरोपी सुखपाल की पत्नी और बाबूराम की पत्नी सगी बहने है। दोनों के पास एक मकान है। इस मकान का पूर्ण स्वामित्व हासिल करने का लालच सुखपाल के मन में आ गया। सुखपाल को मालूम था कि बाबूराम शराब पीने का शौकीन है। वह शराब के लालच में भाई की बात मान लेगा। सुखपाल का प्लान पूरा भी हो गया। लेकिन पुलिस ने आरोपी सुखपाल के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
आरोपी क्रिमिनल पुलिस को देते रहे चकमा
आरोपी सुखपाल बहुत शातिर है। बाबूराम की हत्या छह अक्टूबर को की गई। घटना के दो दिन बाद यानि आठ अक्टूबर को सुखपाल ने बाबूराम के लापता होने की तहरीर पुलिस को दी। रुड़की पुलिस को आठ अक्टूबर को ही शव बरामद हो गया। पुलिस शव की शिनाख्त कराने में जुटी रही। जब आरोपी सुखपाल्