भतीजा निकला चाचा का हत्यारा, संदिग्ध मौत का ऐसे खुला राज




Listen to this article

न्यूज 127.
पथरी थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने 48 घंटों के भीतर घटना का खुलासा करते हुए हत्यारे भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है। ​जिस व्यक्ति की मौत को आत्महत्या बताया जा रहा था वह हत्या की घटना निकली। हत्यारा कोई और नहीं भतीजा निकला जिसने गला घोंटकर चाचा की हत्या को अंजाम दिया था। हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए हत्या के बाद भतीजे ने शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया था।
जानकारी के मुताबिक 2 दिसम्बर को पथरी थाना क्षेत्र के ग्राम धारीवाला में सुरेश पुत्र सुखबीर, उम्र 42 वर्ष का शव घर के कमरे में फर्श पर पड़ा मिला था। अविवाहित सुरेश के परिवार वालों ने इसे फांसी लगाकर आत्महत्या बताया था, किंतु मृतक के गले पर निशान पाए जाने के कारण फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण आत्महत्या नहीं बल्कि गला दबाकर हत्या किए जाने की बात सामने आयी। मृतक की कोई संतान या पत्नी नहीं थी, इसलिए परिवार ने कोई तहरीर नहीं दी गई। चौकी प्रभारी फेरूपुर की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा किया गया। पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों व मैन्युअल पुलिसिंग के माध्यम से गहन पूछताछ करते हुए घटना का खुलासा किया। पुलिस का शक उसी व्यक्ति पर गया, जो सबसे ज्यादा चिल्ला कर फांसी वाली कहानी सुना कर रोना धोना कर रहा था। शक की सुई भतीजे सुनील पर अटकी। घटना के समय सबसे पहले सुनील उम्र 25 वर्ष ही सुरेश के पास पहुंचा था।
पूछताछ में सुनील ने हत्या किए जाने की बात कबूली। बताया कि सुरेश शराब पीकर आए दिन सुनील को गाली देता था, उसे बेइज्जत करता था तथा सुरेश अपनी जमीन बेचने की बात करता था। घटना के दिन गुस्से में सुनील ने चुन्नी से सुरेश का गला दबाया। हत्या के बाद वह घबरा गया और फांसी का नाटक रच दिया ताकि मामला आत्महत्या लगे। अगली सुबह सुनील ने परिवार को स्वयं सूचना दी कि चाचा ने आत्महत्या कर ली तथा वह शव को नीचे उतार चुका है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार करते हुए उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चुन्नी बरामद कर ली है। विधिक कार्यवाही करने के बाद पुलिस ने आरोपित का चालान कर दिया है। टीम में थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल, व. उपनिरीक्षक यशवीर सिंह नेगी, उपनिरीक्षक विपिन कुमार, उपनिरीक्षक महेंद्र पुंडीर, अ.उ.नि. मुकेश राणा, कांस्टेबल मुकेश चौहान, कांस्टेबल जयपाल चौहान, कांस्टेबल अनिल सिंह, कांस्टेबल कान्तिराम शामिल रहे।