लखनऊ वाले नेताजी को जब सीएम के हाथों मिला प्रसाद, जानिये पूरी खबर




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नवीन चौहान, हरिद्वार। प्रदेश के मुखिया के हाथों से प्रसाद मिलने के बाद हरिद्वार के एक नेता के पैर जमीन पर नहीं है। वह खुद को भाजपा के बड़े लीडर के रुप में स्थापित होना मान चुके है। आगामी नगर निगम मेयर चुनाव के दावेदार के रुप में खुद को पेश कर रहे है। जब उनके साथी लोग उनका मेयर कहकर बुलाते है तो वह फ ूले नहीं समाते है। अब जब खुद सीएम के हाथों से प्रसाद मिला है वह उसके कई अर्थ निकालकर खुशी से सराबोर है। हालांकि केबिनेट मंत्री और मेयर के बीच विवाद से हुई छवि खराब होने से मेयर का टिकट कट गया मान चुके है।
अब आपकों इस पूरी खबर को विस्तार से बताते है। हुआं यूं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अक्टूबर के शुरुआती दिनों में हरिद्वार दौरे पर आये थे। तमाम कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद कनखल स्थित एक भाजपा के गढ़ में आशीर्वाद लेने पहुंच गये। वहां गढ़ के प्रमुख ने सीएम को प्रसाद दिया। सीएम ने प्रसाद को स्वीकार किया। सीएम ने थोड़ा से प्रसाद ग्रहण किया और शेष प्रसाद को लखनऊ वाले नेता के हाथों में रख दिया। और कहा कि ये लो आज का प्रसाद। सीएम के मुख से ये बात सुनने के बाद उक्त नेता के पैर जमीन पर नहीं टिक रहे थे। सीएम के हाथों मिले प्रसाद का अंदाजा खुद के राजनैतिक कैरियर के रुप में देखने लगे। उनकी आवोहवा बदल गई और दिमाग मेयर की कुर्सी तक पहुंच गया। अपने चेले की इस आवोहवा को बदलता देख मौके पर गुरु ने भाप लिया। तत्काल गुरु अपने चेले को किनारे ले गये। दिन में सपना देख रहे अपने चेले को समझाया। बताया कि ये प्रसाद आज के लिये ही है। आगे के लिये नहीं। जिस काम पर हो उसी पर आ जाओ। गुरु जी की ये बात सुनने के बाद नेताजी का सपना टूट गया। लेकिन फिर भी उनके पैर जमीन पर नहीं है।