न्यूज127 स्पेशल रिपोर्ट
उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा में अपनी तेजतर्रार कार्यशैली और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए पहचाने जाने वाले आईएएस अंशुल सिंह अब जिलाधिकारी अल्मोड़ा के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।
साल 2018 बैच के इस ऊर्जावान अधिकारी की कार्यशैली में जनता के प्रति संवेदनशीलता, विकास के प्रति जुनून और योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने की गहरी समझ झलकती है।
अल्मोड़ा से गहरा नाता — विकास की नई कहानी लिखने की तैयारी
अंशुल सिंह का अल्मोड़ा से पुराना जुड़ाव रहा है। मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इस पर्वतीय जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और जनसमस्याओं को निकट से समझा है। अब जिलाधिकारी के रूप में वे इस अनुभव को नये विकास अध्याय में बदलने की तैयारी में हैं।
अल्मोड़ा के खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम से उनकी पुरानी यादें जुड़ी हैं — और अब एक बार फिर उसी धरती पर “प्रशासनिक बल्लेबाज” के तौर पर चौके-छक्के जड़ने का मौका मिलने जा रहा है।
हरिद्वार में शानदार कार्यकाल — एचआरडीए की मिसाल
हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के उपाध्यक्ष के रूप में अंशुल सिंह ने अपने कार्यकाल में विकास की नई परिभाषा गढ़ी।
1 जुलाई 2023 को हरकी पैड़ी पर मां गंगा की पूजा-अर्चना कर उन्होंने एचआरडीए वीसी का कार्यभार संभाला था। शुरुआत में ही उन्होंने विभागीय व्यवस्था को मजबूत किया, अधिकारियों-कर्मचारियों में जिम्मेदारी का बोध जगाया और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने प्रतिदिन जनता की समस्याएं सुनने की व्यवस्था की, और विकास कार्यों की प्राथमिकता तय की। भल्ला स्टेडियम का कायाकल्प, फ्लाईओवरों के नीचे खेल स्थलों का निर्माण, शहर की जाम समस्या से निपटने के लिए पार्किंग प्रोजेक्ट, कॉलोनियों में सुंदर पार्कों का निर्माण, और भगवानपुर झील का सौंदर्यीकरण — उनके कार्यकाल में आरंभ हुए कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिन्होंने हरिद्वार की तस्वीर बदली।
अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई — जनसेवा में पारदर्शिता
अंशुल सिंह का नाम सख्त प्रशासनिक अनुशासन के लिए जाना जाता है।
अवैध कॉलोनियों और निर्माणों पर उन्होंने ध्वस्तीकरण की कड़ी कार्रवाई की और भूमाफियाओं को स्पष्ट संदेश दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं।
उन्होंने प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति विकसित की।
सेवा शिविरों के माध्यम से मानचित्र स्वीकृति की नई पहल को जनता ने खूब सराहा।
जनसंपर्क में अग्रणी — खेलों के प्रति विशेष रुचि
अंशुल सिंह की पहचान केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नहीं, बल्कि एक बेहतरीन क्रिकेटर और खेलप्रेमी के रूप में भी है।
वह युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने के लिए अकसर मैदान में उतरते देखे जाते हैं। उनका मानना है कि “खेल अनुशासन और नेतृत्व दोनों सिखाते हैं, और यही प्रशासन की असली ताकत है।”
धामी सरकार के विजन के साथी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सेवा, सुशासन और सरलीकरण के विजन को साकार करने में अंशुल सिंह की भूमिका उल्लेखनीय रही है। हरिद्वार में उन्होंने इस विचार को व्यवहार में बदला — अब वही ऊर्जा और प्रतिबद्धता अल्मोड़ा के विकास में देखने को मिलेगी।
हरिद्वार से अल्मोड़ा तक — जनता की यादों में बसेंगे अंशुल सिंह
हरिद्वार में उनके उल्लेखनीय कार्यों ने एक मजबूत छाप छोड़ी है। विकास की गति को नई दिशा देने, जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और प्रशासनिक पारदर्शिता लाने के उनके प्रयासों को जनता लंबे समय तक याद रखेगी।
अब अल्मोड़ा में जिलाधिकारी के रूप में उनकी नई पारी शुरू हो रही है — जहां उनसे उम्मीदें और जिम्मेदारियां दोनों ही बड़ी हैं।