IAS NIDHI YADAV निधि यादव का आईएएस में चयन उनकी ईमानदारी, प्रोफेशनलिज़्म और नेतृत्व क्षमता की मिशाल




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न्यूज127
गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्टूडेंट और हरिद्वार की मूल निवासी निधि यादव का आईएएस में चयन उनकी ईमानदारी, प्रोफेशनलिज़्म और नेतृत्व क्षमता का जीता जागता प्रमाण है। उन्होंने तमाम चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। कठाईयों के वक्त सामने आकर सीधा मुकाबला करने का सा​हस दिखलाया। पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक तीनों ही परिस्थितियों में आईएएस निधि यादव ने अपनी योग्यता और अदम्य साहस का परिचय देकर श्रेष्ठता साबित की। उनकी ईमानदारी और पारदर्शी कार्यशैली उनकी ताकत बनी। जबकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस की जांच की अग्निपरीक्षा में भी उनको क्लीन चिट मिली। जिससे प्रमोशन की राह साफ हो गई। विजिलेंस से मिली क्लीन चिट ने यह साबित कर दिया कि तमाम आरोप निराधार थे, और उन्हें अब राज्य प्रशासन में और अधिक बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिला है।
विदित हो कि निधि यादव वरिष्ठ उत्तराखंड पीसीएस (2005 बैच) की अधिकारी हैं, जिन्हें हाल ही में आईएएस कैडर (2017 बैच) में प्रोन्नत किया गया है। उनको उत्तराखंड कैडर अलॉटमेंट किया गया है। DoPT (Department of Personnel & Training) ने उन्हें 2017 बैच का आईएएस अधिकारी घोषित किया। हालांकि सीनियरिटी लिस्ट में निधि यादव विनोद गिरी गोस्वामी के नीचे और प्रशांत कुमार आर्य के ऊपर स्थान पर हैं। निधि यादव वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में डायरेक्टर, पंचायती राज के रूप में कार्यरत हैं। इस पद पर रहते हुए निधि यादव ने प्रदेश में पंचायतों के डिजिटलीकरण व विकास में उल्लेखनीय कार्य किए है। हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण की सचिव पद पर रहने के दौरान भी उन्होंने ​हरिद्वार के सर्वागीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हरिद्वार के सौंदर्यीकरण को लेकर कई अभूतपूर्व कार्य किए।
निधि यादव ने अपनी योग्यता और कार्यक्षमता को साबित किया। पीड़ित और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के प्रति संवेदनशीलता से कार्य किए। सच्चाई और ईमानदारी की पक्षधर निधि यादव हमेशा जनसेवा को सर्वोपरि रखती है। फिलहाल वह निदेशक, पंचायती राज के रूप में डिजिटल ग्राम पंचायतों और पर्यावरण संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का नेतृत्व कर रही हैं।
क्लीन चिट और जांच का निष्कर्ष
2023 में निधि यादव पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे, जिसकी वजह से उनका IAS प्रोमोशन रुका था। लगभग एक साल की विजिलेंस जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट प्रदान की गई, जिससे आरोप निराधार साबित हुए और प्रोमोशन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकी ।

निधि यादव के अभी तक निभाए गए प्रमुख पदों की सूची है, सही क्रम में:
प्रमुख पोस्टिंग्स

  1. रूद्रपुर नगर निगम – नगर आयुक्त (Municipal Commissioner)
    30 मार्च 2013 से 17 फरवरी 2014 तक रूद्रपुर नगर निगम में नगर आयुक्त (Municipal Commissioner) के रूप में कार्यरत रहीं ।
  2. उत्तराखंड परिवहन निगम – महाप्रबंधक (GM)
    जुलाई 2023 में आय से अधिक संपत्ति आरोपों की जांच के दौरान वे उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम में महाप्रबंधक (GM) की भूमिका में थीं ।
  3. मंडी निदेशक – रूद्रपुर (Director of Mandis)
    2021 में रूद्रपुर मंडी में निदेशक (Mandi Director) के रूप में सेवा दी थी, उसी दौरान पहली विजिलेंस जांच शुरू हुई ।
  4. पर सचिव – कृषि विभाग, उत्तराखंड
    मार्च 2025 में राज्य सरकार के बम्पर तबादलों में निधि यादव को अपर सचिव, कृषि की जिम्मेदारी सौंपी गई ।
  5. निदेशक, पंचायती राज, उत्तराखंड
    अप्रैल 2025 में अपर सचिव कृषि की पोस्टिंग के बाद, उन्हें निदेशक, पंचायती राज का पद सौंपा गया ।