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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। तीन दिनों तक चली बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक यह फैसला एमपीसी के सदस्यों ने 4:2 के बहुमत से लिया है।
आरबीआई गवर्नर के अनुसार केंद्रीय बैंक की पॉलिसी का लोगों के जीवन पर असर पड़ता है। आरबीआई का पहला काम महंगाई को कंट्रोल करना है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 4-2 बहुमत से ब्याज दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, जबकि एसडीएफ दर 6.25% और एमएसएफ दर 6.75% पर बनी हुई है।
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कटौती की है। आरबीआई के इस फैसले से सीधे तौर पर बैंकों को लोन देने में आसानी होगी। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को घटाकर 4% कर दिया है, जो आरबीआई के तटस्थ नीति रुख को दिखाता है।