हरिद्वार
दीपावली पर्व पर हरिद्वार की महिला स्वयं सहायता समूहों ने आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की मिसाल पेश की। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल पर जिला प्रशासन के सहयोग से लगाई गई दीपावली स्टॉलों में महिला समूहों ने अपने हस्तनिर्मित और पारंपरिक उत्पादों की शानदार बिक्री की।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशों पर स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हस्तनिर्मित दीप, सजावटी सामग्री, घरेलू उत्पाद, खाद्य सामग्री, वस्त्र और हस्तशिल्प वस्तुओं को स्टॉल के माध्यम से बाजार में रखा गया। स्वदेशी बस्तुओं की खरीददारी के अभियान का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता ने लोगों का दिल जीत लिया।
एक सप्ताह तक चले इस आयोजन में महिला समूहों द्वारा कुल 19,46,271 का व्यापार किया गया। यह उपलब्धि न केवल समूहों के परिश्रम का परिणाम है, बल्कि उनकी उत्पाद गुणवत्ता और जनविश्वास को भी दर्शाती है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनते जा रहे हैं। दीपावली मेला जैसे आयोजनों से उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शन और विपणन का मंच मिला है। जनता द्वारा स्थानीय उत्पादों की सराहना, ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को सशक्त कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी ऐसे अवसर लगातार प्रदान किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक महिला समूह आत्मनिर्भर बन सकें और समाज की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।
महिला समूहों की सदस्यों ने जिला प्रशासन और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से उन्हें आत्मविश्वास और आर्थिक सशक्तिकरण की नई दिशा मिली है।





