अल्मोड़ा,
अल्मोड़ा ज़िले के चौखुटिया क्षेत्र में जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों की मांग राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता की समस्याओं पर संवेदनशीलता दिखाई और 24 घंटे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप-जिला चिकित्सालय घोषित कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने डॉक्टरों की तैनाती के आदेश जारी किए।
मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई
चौखुटिया क्षेत्र की जनता पिछले 24 दिनों से डॉक्टर और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन कर रही थी। बड़ी संख्या में जनता सड़कों पर उतर आई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता की समस्याओं को गंभीरता से लिया और तत्काल सीएचसी को उप जिला चिकित्सालय की घोषणा कर दी। अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती का भी भरोसा दिया।
जिसके बाद डॉ. मनीष पंत और डॉ. कृतिका भंडारी को चौखुटिया में तैनाती दी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित निर्णय से जनता को राहत मिलती दिखाई दी तो विपक्षी दल कांग्रेस को मुददा खत्म होता नजर आया। कांग्रेस नेताओं ने स्वास्थ्य विभाग पर दबाव डालकर आदेश वापस लेने पर मजबूर कर दिया।
चौखुटिया में तैनाती पर जाने वाली डॉ. कृतिका भंडारी, पूर्व सीएम की नातिन बताई जा रही हैं। जबकि डॉ. मनीष पंत, कांग्रेस के विधायक मनोज तिवारी के करीबी है। शनिवार को ही विधायक मनोज तिवारी अपने करीब 200 समर्थकों के साथ सीएमओ ऑफिस पहुंचे और घेराव किया। जबकि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सवाल उठाया कि अगर आदेश रद्द करना था तो उसे जारी क्यों किया गया।
ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चिकित्सकों की नियुक्ति को रदद करने पर सवाल उठा रही है। जबकि उनकी नियुक्ति को रदद करने को लेकर कांग्रेस की तरफ से ही सरकार पर प्रेशर बनाया जा रहा है।
‘फैमिली डॉक्टर पॉलिटिक्स’ का मामला
डॉ. कृतिका भंडारी के ट्रांसफर के बाद पैर में चोट का मामला सामने आया।
15 दिन की मेडिकल लीव देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल से जारी हुई।
यह सवाल खड़ा करता है कि क्या यह मामला इलाज का था या राजनीति का बहाना ?
सरकार ने जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों की मांग का त्वरित समाधान किया, जबकि विपक्ष ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया। चौखुटिया का स्वास्थ्य केंद्र अब उप-जिला चिकित्सालय बन गया है और जनता को सुविधा मिल चुकी है, लेकिन राजनीतिक हलचल अभी भी जारी है।




