देहरादून।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में बुधवार को सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन की अध्यक्षता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और सुधार पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान आईएमए के सदस्यों ने प्रदेश के भौगोलिक स्वरूप और दुर्गम क्षेत्रों की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास एक कठिन किंतु अत्यंत आवश्यक कार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि 50 बेड से कम क्षमता वाले क्लीनिक या नर्सिंग होम स्थापित करने हेतु क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के मानकों में शिथिलता लाई जाए, ताकि छोटे शहरों और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना को प्रोत्साहन मिल सके।
आईएमए प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि क्लीनिक या नर्सिंग होम स्थापित करने के लिए पंजीकरण, फायर, प्रदूषण नियंत्रण जैसी विभिन्न अनापत्तियों (NOC) की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने अन्य राज्यों में स्वास्थ्य संस्थानों के विकास हेतु अपनाए गए सरलतम मानकों को उत्तराखंड में भी लागू करने का सुझाव रखा।
मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने आईएमए द्वारा प्रस्तुत सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए व्यावहारिक एवं समयानुकूल सुझावों को गंभीरता से लागू किया जाएगा। उन्होंने सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार को निर्देशित किया कि आईएमए के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऐसे बिंदुओं को चिन्हित किया जाए जिन्हें राज्य की स्वास्थ्य नीति (बायलॉज) में सम्मिलित किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, और इसके लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, डीजी हेल्थ सुनीता टम्टा, अपर सचिव संतोष बडोनी, आईएमए उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. के. के. शर्मा, सचिव डॉ. डी. डी. चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।