रूड़की में मास्टर प्लान 2041 पर जनसुनवाई, 500 से अधिक आपत्तियों पर हुई चर्चा




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जनता की शंकाओं का हुआ समाधान, सुनियोजित विकास का मिला भरोसा

हरिद्वार।
हरिद्वार जनपद के सुनियोजित विकास की दिशा में तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान 2041 को लेकर जनसुनवाई का सिलसिला जारी है। हरिद्वार के बाद अब रूड़की में आयोजित जनसुनवाई शिविर में करीब 500 से अधिक आपत्तियों और सुझावों पर सुनवाई की गई। इस दौरान स्थानीय नागरिकों, किसानों और संस्थाओं द्वारा रखी गई चिंताओं और शंकाओं का समाधान करने का प्रयास किया गया।

नहित सर्वोपरि रखते हुए होगा विकास : एचआरडीए
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की उपाध्यक्ष सोनिका ने कहा कि मास्टर प्लान का उद्देश्य जनहित को सर्वोपरि रखते हुए शहर का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करना है। योजना में ग्रीन बेल्ट, खेल के मैदान, औद्योगिक क्षेत्र, बस स्टैंड, सार्वजनिक पार्क, सामुदायिक भवन और चौड़ी सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया है।

किसानों की जमीन को लेकर उठी शंकाएं
जनसुनवाई के दौरान अधिकांश आपत्तियां भूमि अधिग्रहण को लेकर सामने आईं। कई किसानों ने अपनी जमीन के अधिग्रहण की आशंका जताई। इस पर अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मास्टर प्लान केवल विकास के भविष्य के स्वरूप का खाका है, इसका अर्थ यह नहीं कि सभी चिन्हित भूमि तत्काल अधिग्रहित की जाएगी।

बीएसएम इंटर कॉलेज में हुई सुनवाई
रूड़की में आयोजित जनसुनवाई बीएसएम इंटर कॉलेज में हुई। इसमें समिति के सदस्य—प्रभागीय वनाधिकारी, नगर आयुक्त रूड़की, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तराखण्ड (सदस्य/सचिव), पुलिस अधीक्षक (यातायात एवं परिवहन), अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के अधिकारी शामिल रहे। बड़ी संख्या में आपत्तिकर्ता उपस्थित होकर अपनी बात रखते दिखे।

‘मास्टर प्लान का लाभ जनता को ही मिलेगा’ — मनीष सिंह
सुनवाई के दौरान एचआरडीए सचिव मनीष सिंह ने बताया कि करीब 500 आपत्तियों पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकांश लोगों को भूमि अधिग्रहण और उपयोग परिवर्तन को लेकर भ्रम था, जिसे दूर किया गया। उन्होंने कहा कि महायोजना क्षेत्र का सुनियोजित विकास ही दीर्घकालिक समाधान है, जिससे अंततः लाभ जनता को ही मिलेगा।

सुनियोजित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
मास्टर प्लान 2041 हरिद्वार और रूड़की के भविष्य के विकास का रोडमैप तय करेगा। इसके माध्यम से औद्योगिक, आवासीय और हरित क्षेत्रों का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाएगा। जनसुनवाई में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जनता के सुझावों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा, ताकि विकास और जनहित के बीच संतुलन बना रहे।