Uttarakhand Police में थोड़ी खुशी और थोड़ा गम , जानिए पूरी खबर




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नवीन चौहान

हरिद्वार। उत्तराखंड पुलिस में थोड़ी गम और थोड़ी खुशी का माहौल दिखाई दिया। 11 पुलिसकर्मियों के बरी होने की खबर ने उत्तराखंड की मित्र पुलिस के चेहरे पर मुस्कान दी। तो 7 पुलिसकर्मियों की सजा को बरकरार रखने के कोर्ट के फैसले ने पुलिस को मायूसी दी। पूरा प्रकरण रणवीर एनकाउंटर केस का है। कोर्ट ने कांस्टेबल सत्यवीर सिंह, सौरभ नौटियाल, विकास वलूनी, संजय रावत, मोहन सिंह, इंद्रभान, मनोज मलिक, सुनील सैनी, नागेंद्र राठी व जयपाल गुसाई को बरी कर दिया है। जबकि निरीक्षक संतोष कुमार जायसवाल, तत्कालीन आराघर चौकी प्रभारी जीडी भट्ट, कांस्टेबल अजीत, राजेश बिष्ट, नितिन चौहान, चंद्रमोहन सिंह रावत, व नीरज को आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट के निर्णय की ये खबर जब उत्तराखंड पुलिस को मिली तो पुलिस महकमे में खुशी का माहौल छा गया। 11 पुलिसकर्मियों के बरी होने की खबर ने पुलिसकर्मियों में एक आत्मिक आनंद दिया। लेकिन अपने 7 साथियों की सजा के निचली अदालत के निर्णय को बराकरार रखने के फैसले ने चेहरे पर कहीं मायूसी भी दिखाई दी।
ये है रणवीर एनकाउंटर
3 जुलाई 2009 को देहरादून रायपुर के जंगलों में तत्कालीन चौकी प्रभारी जीडी भट्ट के साथ अज्ञात बदमाशों ने मारपीट कर सरकारी रिवाल्वर छीनकर फरार हो गये। इसी बीच रायपुर के जंगल में उपरोक्त पुलिस टीम की रणवीर से मुठभेड़ हो गई। पुलिस एनकाउंटर में रणवीर पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया। जिससे रणवीर की मौत हो गई। उसके जेब में मिली आई डी से उसकी शिनाख्त रणवीर पुत्र रविंद्र सिंह निवासी खेखड़ा बागपत के रूप में हुई। जबकि रणवीर कवि नगर गाजियाबाद में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रणवीर के शरीर में पुलिस की 17 गोलियां लगी थी। पुलिसकर्मियों ने रणवीर को बुरी तरह से छलनी कर दिया था। जिसके बाद रणवीर के परिजनों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

रणवीर के दो साथियों पर मुकदमा
रणवीर के साथ उसके दो साथी रामकुमार और शेखर भी सरकारी रिवाल्वर की लूट करने में शामिल थे। रणवीर की मौत के बाद दोनों दोस्तों ने पूरा मामला छिपा लिया। लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट ने पूरी सच्चाई को उजागर कर दिया। रणवीर के पिता रविंद्र सिंह ने रामकुमार और शेखर के खिलाफ भी लूट का मुकदमा दर्ज कराया था।

सीबीआई जांच में आरोप पत्र
रणवीर एनकाउंटर केस की तफ्तीश पुलिस की सीबीसीआईडी ने की। एक साल की सीबीसीआईडी की तफ्तीश से रणवीर के पिता संतुष्ट नहीं हुये। जिसके बाद पिता की गुहार पर तत्कालीन सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने केस की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति कर दी। सीबीआई की जांच में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।