हरिद्वार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि” के संकल्प को धरातल पर उतारते हुए हरिद्वार–रुड़की विकास प्राधिकरण ने प्राधिकरण मुख्यालय स्थित सभागार में सुशासन कैंप का आयोजन किया। एचआरडीए द्वारा आयोजित यह तीसरा सुशासन कैंप था, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंचे। कैंप में लोगों को निर्माण मानचित्र स्वीकृति, शुल्क निस्तारण, तकनीकी अड़चनें, नियमावली से संबंधित मार्गदर्शन एवं अन्य विकास संबंधी मामलों में एक ही स्थान पर त्वरित राहत प्रदान की गई।

कैंप का निरीक्षण एचआरडीए की उपाध्यक्ष सोनिका द्वारा किया गया। उन्होंने शिविर में मौजूद अधिकारियों से सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा की और निर्देश दिए कि आवेदकों की समस्याओं का पारदर्शी, संवेदनशील और समयबद्ध निस्तारण किया जाए, ताकि आम नागरिक को वास्तविक रूप से सुशासन का अनुभव हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि जनता को कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाने पड़ें और उन्हें सरल प्रक्रिया से समय पर सेवाएं मिलें।
सुशासन कैंप में एचआरडीए सचिव मनीष कुमार सिंह, संयुक्त सचिव दीपक रामचंद्र सेठ, अधिशासी अभियंता राजन सिंह, सहायक अभियंता वर्षा, सहायक अभियंता प्रशांत सेमवाल, टेक्निकल कंसल्टेंट गोविंद, सहित अवर अभियंता एवं अन्य संबंधित तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और कई प्रकरणों का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया गया।
सुशासन कैंप में 35 निर्माण मानचित्र स्वीकृत किए गए, जबकि 16 मानचित्र विधिवत निर्गत किए गए। एचआरडीए की इस त्वरित कार्यवाही, सहज प्रक्रिया और मार्गदर्शन से आवेदकों ने गहरी संतुष्टि जाहिर की। लोगों का कहना था कि पहले जिन कार्यों में महीनों लग जाते थे, वही कार्य अब कुछ घंटों में पूरे हो रहे हैं, जो प्रशासन की कार्यकुशलता को दर्शाता है।
एचआरडीए सचिव मनीष सिंह ने बताया कि अगला सुशासन कैंप 10 दिसंबर को पुनः हरिद्वार मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित किया जाएगा। प्राधिकरण ने समस्त नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में कैंप में पहुंचकर अपने निर्माण मानचित्र, शुल्क निस्तारण, तकनीकी समाधान एवं अन्य विकास संबंधी समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराएं।



