पिता की करोड़ों की संपत्ति के लालच में कलयुगी बेटा बना कातिल, पुलिस ने दबोचे तीनों आरोपी
हरिद्वार
रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह मर्डर केस का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का मास्टरमांइड मृतक का बेटा ही निकला। पिता की करोड़ों की संपत्ति के लालच में दोस्तों को 30 लाख और एक स्कारर्पियों वाहन की सुपारी दे दी।
थाना बहादराबाद की पुलिस, कोतवाली रानीपुर और सीआईयू की टीम ने संयुक्त प्रयास से आरोपी बेटे यशपाल सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त 315 बोर तमंचा, कारतूस, कपड़े और जूते भी बरामद कर लिए।
29 नवंबर 2025 की रात सामने आई, जब वादी होशियार सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी कि वह अपने पिता के साथ शादी में जा रहा था, तभी ज्वालापुर स्थित जटवाड़ा पुल पर एक अज्ञात व्यक्ति ने लिफ्ट मांगकर पिता पर गोली चला दी और फरार हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, परंतु मृतक के बेटे यशपाल के बयानों में लगातार विरोधाभास मिलने लगे। जब पुलिस ने उसके बताए दोस्तों से पूछताछ की तो वे शादी से संबंधित किसी भी जानकारी से अनजान थे। शक गहराया और गहन पूछताछ के बाद यशपाल टूट गया तथा उसने पिता की हत्या की साजिश स्वीकार कर ली।
जांच में सामने आया कि मृतक भगवान सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति थी। बेटे की गलत संगत और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से परेशान होकर मृतक ने संपत्ति बेटे के नाम करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने बेटे को बेदखल करने की चेतावनी भी दी थी। इसी नाराजगी और लालच में यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर निवासी सीतापुर ज्वालापुर के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। उसने दोनों साथियों को हत्या के बदले 30 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो देने का वादा किया था।
घटना वाली दोपहर आरोपियों ने ज्वालापुर–बहादराबाद नहर पटरी की रेकी की। रात करीब 8 बजे यशपाल पिता को रोशनाबाद में एक झूठी शादी में ले जाने के बहाने कार में बैठाकर जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास ले आया, जहां राजन और शेखर पहले से इंतजार कर रहे थे। योजना के अनुसार यशपाल ने पिता के कहने पर कार रुकवाई और खुद ड्राइविंग सीट पर आ गया। मौके पर पहुंचकर राजन को दोस्त बताकर कार में बैठाया गया और कुछ ही पलों बाद राजन ने अपने पास मौजूद तमंचे से मृतक भगवान सिंह की कनपटी पर दो राउंड फायर कर दिए। वारदात के बाद आरोपी भाग निकले, जबकि यशपाल ने पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी सूचना देकर पूरे घटनाक्रम को एक हादसे या लूट की कोशिश जैसा दिखाने की कोशिश की।
पुलिस की तत्परता और संगठित जांच ने आरोपी बेटे सहित तीनों को गिरफ्तार कर लिया। राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, खोखा कारतूस, कपड़े व जूते बरामद कर सबूतों की पुष्टि की गई। इस जघन्य अपराध के खुलासे में थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा, कोतवाली रानीपुर और सीआईयू की टीम ने निर्णायक भूमिका निभाई।
गिरफ्तार तीनों आरोपीगण
- यशपाल पुत्र भगवान सिंह निवासी जमालपुर कलाँ थाना ज्वालापुर हरिद्वार उम्र करीब-21 वर्ष
- राजन उर्फ ललित मोहन पुत्र सुरेश गिरी निवासी सीतापुर कोतवाली ज्वालापुर जिला हरिद्वार उम्र
- शेखर पुत्र ऋषिपाल सिंह निवासी सीतापुर बालाजी पुरम कालोनी थाना कोतवाली ज्वालापुर जिला हरिद्वार
बरामद माल
01 अदद तमंचा 315 बोर मय 01 खोखा कारतूस
घटना में प्रयुक्त अभियुक्त राजन की जाकेट व जूते
पुलिस टीम
थानाध्यक्ष बहादराबाद उ0नि0 अंकुर शर्मा, व0उ0नि0 नितिन बिष्ट, उ0नि0 अमित नौटियाल- चौकी प्रभारी कस्बा, उ0नि0 उमेश कुमार- चौकी प्रभारी शांतरशाह, उ0नि0 जगमोहन सिंह, हे0कानि0 होशियार सिंह, कानि0 बलवंत सिंह, कानि0 वीरेन्द्र चौहान, कानि0 मुकेश नेगी, कानि0 शाहआलम, कानि0 ड्राईवर वीरेन्द्र सिंह
पुलिस टीम कोतवाली रानीपुर
निरीक्षक शांति कुमार गंगवार, कानि० नरेंद्र राणा, कानि० उदय चौहान
सी0आई0यू0 हरिद्वार
01 निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट, 02 कानि0 नरेन्द्र सिंह, 03. कानि0 उमेश, 04. कानि0 हरवीर सिंह, 05. कानि0 वसीम



