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सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि०) फरीदाबाद, के सौजन्य से सतयुग दर्शन वसुन्धरा परिसर में, दो दिवसीय मानवता फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 28 एवं 29 दिसम्बर को आयोजित होने वाले इस फेस्ट का व्यापक स्तर पर भाव-स्वाभाविक परिवर्तन लाने के लिए आध्यात्मिक क्रान्ति के तहत आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में बिना किसी भेद-भाव के हर उम्र, धर्म, जाति व सम्प्रदाय के सदस्य भाग ले सकते हैं यानि यह कार्यक्रम सबका सांझा है व इसमें हर व्यक्ति को आने का समान अधिकार है। जो सज्जन किसी मजबूरी के कारण इस आयोजन में सम्मिलित न हो सके वह सतयुग दर्शन ट्रस्ट के यू-ट्यूब चैनल पर दिये गये लाईव लिन्क के माध्यम से ज्वाइन कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रथम दिवस योग, मेडिटेशन सैशन, आध्यात्मिक क्रान्ति महान शुभारंभ, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति द्वारा संकल्प पर फतह पाओ और जन्म की बाजी जीत जाओ, आत्मयथार्थ नामक नृत्य नाटिका तथा शारीरिक-मानसिक स्वस्थता का राज नामक विषयों पर बात होगी। इसी के साथ बोन फायर, अंताक्षरी, इनडोर गेमस, पेटिंग एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी इस दिन के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेंगे।
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस जूम्बा, मेडिटेशन सैशन, सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ-एक परिचय एवं इसमें विदित नीतियों को अपनाने की महत्ता पर वार्तालाप, शरीर के विभिन्न प्रकार तथा इन्द्रियों, मन, बुद्धि, चित्त व ख़्याल की समुचित क्रियाविधि पर चर्चा होगी। इसी के साथ भाव-स्वभाव परिवर्तित कर आत्मिकज्ञान प्राप्त करने की युक्ति भी समझायी जायेगी ताकि इंसान स्वार्थपरता छोड़ परमार्थ के मार्ग पर सहजता से चल सके।
कार्यक्रम के आयोजन को लेकर ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम वर्तमान संक्रमण काल में जबकि पाप और अधर्म का प्रतीक कलियुग जा रहा है व सत्यधर्म का सूचक सतयुग आ रहा है, व्यक्तिगत स्तर पर भाव-स्वभाव परिवर्तन की लहर चला, सापेक्ष पारिवारिक व सामाजिक परिवर्तन लाने की चेष्टा कर रहे हैं। ताकि मानसिक तौर पर सब काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जनित द्वि-द्वेष, वैर-विरोध, लड़ाई-झगड़े का भाव त्यागकर सम, सन्तोष, धैर्य, सच्चाई, धर्म जैसे दिव्य गुण अपनायें और निष्कामता से परोपकार कमाते हुए एकता, एक-अवस्था में आ जायें।
ट्रस्ट के प्रवक्ता ने कहा, आज के समय में ऐसा करना इसलिए भी अति आवश्यक है क्योंकि युग परिवर्तित हो रहा है। अतः यही अनुकूल समय है जब असत्य-अधर्म के मार्ग पर चलने वाले हर दुःखी मानव को अनथक परिश्रम द्वारा जीवन की यथार्थता का ज्ञान बोध कराया जा सकता है और सत्यधर्म के विचारयुक्त मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सतयुगी संस्कृति अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इसी तथ्य के दृष्टिगत आध्यात्मिक क्रांति की लहर चला, कुल मानव जाति को इसमें सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि सब परम पुरुषार्थ द्वारा सर्व एकात्मा का भाव अपनाएं और समभाव नज़रों में कर समदर्शिता अनुरूप सबके साथ सजनता का व्यवहार करने में समर्थ हो जाएं।
सतयुग दर्शन ट्रस्ट का दो दिवसीय मानवता फेस्ट 28 दिसंबर से




