हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि साधु बनना सरल है, किंतु संत बनने के लिए त्याग, तपस्या और ज्ञान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संत या महामंडलेश्वर बनेगा, उसे घर-परिवार का त्याग करना होगा। अपना पूरा समय पूजा, अर्चना और साधना में लगाना होगा। संत शिरोमणि गुरु रविदास महान संत रहे है और संत रविदास का अखाड़ा धर्म संस्कृति का संवाहक बनेगा। एक ऐसा अखाड़ा होगा, जो न केवल धार्मिक परंपरा का प्रतीक होगा, बल्कि समाज में एकता और समानता का संदेश भी देगा।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी रविवार को बहादराबाद स्थित एक फार्म हाउस में आयोजित शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि यह आवश्यक नहीं कि कोई प्रभावशाली समाज का व्यक्ति ही महामंडलेश्वर बने, बल्कि जिस समाज में संत रविदास जैसे महापुरुष जन्मे हों, उस समाज से भी महामंडलेश्वर बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि आने वाले कुंभ पर्व में विधि-विधान के साथ रविदास समाज की पेशवाई और शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। यह अखाड़ा इतना विशाल और संगठित होगा कि पूरी दुनिया उसकी एकता और व्यवस्था का उदाहरण देगी।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का भी यही दृष्टिकोण है कि हम अनेक जातियों में बँटने के बजाय एक समाज के रूप में एकजुट हों। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद का उद्देश्य सनातन परंपरा को पुनर्जीवित करना है, और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संत रविदास अखाड़ा एक नई सामाजिक दिशा देगा।
उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि अखाड़े की घोषणा केवल औपचारिक न रहे, बल्कि यह अखाड़ा समाज की चेतना और आत्मसम्मान का प्रतीक बने। जब यह अखाड़ा स्थापित होगा, तो सभी अखाड़ों में अपनी विशिष्ट पहचान रखेगा।”
शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत कुमार ने कहा कि रविदास समाज विश्व का सबसे बड़ा समाज है, लेकिन अब आवश्यक है कि सभी एक मंच पर आएं। उन्होंने कहा कि “राम मंदिर की लड़ाई 500 साल तक चली, जबकि तुगलकाबाद में रविदास मंदिर की लड़ाई मात्र छह वर्षों में जीत ली गई, यह समाज की एकता का परिणाम है।”
उन्होंने कहा कि यदि समाज एकजुट हो जाए, तो ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक में अपनी सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज द्वारा रविदास अखाड़ा की घोषणा ऐतिहासिक कदम है। आगामी कुंभ मेले में शाही स्नान के संबंध में जूना अखाड़ा या निरंजनी अखाड़ा परिषद के साथ समन्वय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत रविदास अखाड़ा में बड़ा सिंहासन और सुसंगठित व्यवस्था होगी।
अधिवेशन में समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों की सहभागिता
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार ने की, जबकि संचालन प्रदेश महामंत्री संगठन सतीश कुमार ने किया। इस अवसर पर समाज, राजनीति और प्रशासन से जुड़े अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अतिथियों में —
पूर्व डिप्टी स्पीकर आत्माराम परमार, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मुकेश कुमार, समाज कल्याण परिषद उपाध्यक्ष देशराज कर्णवाल, उच्च शिक्षा उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) डॉ. जयपाल सिंह चौहान, भाजपा रुड़की जिलाध्यक्ष शोभराज प्रजापति, अनुसूचित जाति आयोग सदस्य विशाल मुखिया, पूर्व दर्जाधारी सुशील चौहान, पूर्व मंत्री सुबोध राकेश, उपाध्यक्ष राजेश गौतम, संरक्षक मोदिमल तेगवाल, किशोर पाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक भारती, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बरखा रानी, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार, जिलाध्यक्ष देशराज कपिल, विजयपाल सिंह, महंत मेहरदास, भूपसिंह, स्वराज सिंह, मनीराम, पूर्व मंत्री यशवीर सैनी, संदीप कुमार, संजय कुमार समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।