हरिद्वार। जश्ने ए आजादी के पर्व पर हरिद्वार के एक स्कूल ने सैनिक के बेटे के हाथों झंडारोहण कराकर भारतीय सैनिकों का सम्मान किया है। नर्सरी कक्षा के जिस बालक ने मासूम हाथों से झंडारोहण किया उनके पिता जम्मू कश्मीर के बार्डर पर देशवासियों की सुरक्षा में तैनात है। झंडारोहण के अवसर पर खुद स्कूल के प्रधानाचार्य स्कूल के तमाम बच्चे और शिक्षकगण मौजूद रहे। मासूम बच्चे के हाथों झंडारोहण कराकर सैनिकों के सम्मान में इस स्कूल ने एक नई अनूठी परंपरा की शुरुआत की है। इससे स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी बेहद उत्साहित और खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे है।
हरिद्वार का डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर आर्य समाज की एक अग्रणी शिक्षण संस्था है। स्कूल में आर्य समाज के नियमों के अनुसार शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों का ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाता है। विद्यार्थियों को श्रेष्ठ बनाने के लिये स्कूल के प्रधानाचार्य, शिक्षक और समस्त स्टॉफ लगातार प्रयत्नशील रहते है। इन शिक्षकों की मेहनत का नतीजा है कि डीएवी स्कूल की गिनती हरिद्वार के सबसे अच्छे शिक्षण संस्था के रुप में की जाती है। इसी डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल ने आजादी के जश्न को शानदार और यादगार तरीके से मनाया।
स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने देश के सैनिकों का सम्मान करने के लिये अपने स्कूल के ही एक छात्र का चयन झंडारोहण के लिये किया। नर्सरी कक्षा के छात्र चिराग जोशी के पिता राकेश चंद्रा जम्मू कश्मीर की सीमा पर भारतवासियों की सुरक्षा में तैनात है। इस स्कूल ने चिराग के मासूम हाथों से झंडारोहण कराकर भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक नई परंपरा की नींव रखी है। चिराग के हाथों से झंडारोहण कराने से स्कूल के बच्चों में देशभक्ति का जज्बा और अपने देश के सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ी है। इस अनूठे कार्यक्रम के गवाह बने स्कूल के विद्यार्थी शिक्षक और तमाम लोगों ने स्कूल की इस नई पहल का स्वागत किया है।


