नवीन चौहान, हरिद्वार। मां गंगा की पवित्र नगरी में पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके ने अपनी ईमानदारी और सादगी की नई मिशाल पेश की है। पुलिस कप्तान के व्यवहार और आचरण से पुलिस ही नहीं जनता भी खासी प्रभावित है। जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुनना और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में एसएसपी की कार्यशैली का जबाव नहीं है। यही कारण है कि हरिद्वार की जनता उनकी कायल हो गई है।
आईपीएस कृष्ण कुमार वीके ने फरवरी 2017 को हरिद्वार जनपद में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का चार्ज संभाला था। करीब आठ माह के कार्यकाल के दौरान पुलिस कप्तान ने जनता और पुलिस के बीच की दूरियों को कम करने का कार्य किया। पुलिस पर जनता का भरोसा कायम हो इसके लिये कई बेहतर कार्य किये। जनता की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेने वाले पुलिसकर्मियों को थानों से हटाया गया। भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। माफियाओं से मिलीभगत रखने वाले कांस्टेबल, दारोगा और निरीक्षकों को थाने से हटाकर उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई गई। पीड़ितों का शोषण करने वाले और रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी की इन तमाम कार्रवाईयों ने पुलिस पर जनता के भरोसे को जिंदा कर दिया। इन सबके बावजूद पुलिस कप्तान ने सभी अच्छे कार्यो का श्रेय पुलिस टीम को दिया। जबकि जनपद में होने वाले अपराधों की जिम्मेदारी खुद ली। और पुलिस टीम का सही मार्गदर्शन करते हुये उनका मनोबल बढ़ाया तथा अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया। पुलिस कप्तान के दिशा निर्देशन में जनपद पुलिस ने कई संगीन आपराधिक वारदातों का खुलासा किया। लेकिन पुलिस कप्तान सदैव कैमरों से दूर ही नजर आये। कप्तान की यही सादगी हरिद्वारवासियों के दिल में घर कर गई है।
पुलिस कप्तान की ईमानदारी और सादगी का कायल हुआ हरिद्वार

