- केंद्रीय विद्यालय IDPL ऋषिकेश के लिए वन भूमि हस्तांतरण पर सांसद त्रिवेन्द्र की पहल से महत्वपूर्ण प्रगति
न्यूज 127.
हरिद्वार के सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अथक कोशिशों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। केंद्रीय विद्यालय IDPL, ऋषिकेश के निर्माण के लिए आवश्यक वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया को अब केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज केंद्रीय विद्यालय IDPL, ऋषिकेश के लिए वन भूमि हस्तांतरण के विषय में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से पुनः भेंट कर विस्तृत चर्चा की।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री को इस विषय की गंभीरता तथा स्थानीय विद्यार्थियों के हित में इसके महत्व से अवगत कराया। विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने तत्काल संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय विद्यालय हेतु वन भूमि हस्तांतरण पर सहमति प्रदान करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस कार्य को प्राथमिकता पर लेकर शीघ्र आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि विद्यार्थियों को शीघ्रातिशीघ्र इसका लाभ मिल सके।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने तथा पूर्ण सहयोग का आश्वासन देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का हार्दिक आभार व्यक्त किया। सांसद रावत ने केंद्रीय मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करने का संकल्प है। उन्होंने भरोसा जताया कि विद्यालय का निर्माण शीघ्र शुरू होगा और छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा का लाभ मिलेगा।
बुधवार को सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मंत्री को अवगत कराया कि यह मामला केवल ज़मीन का नहीं, बल्कि क्षेत्र के हजारों विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह केवल स्कूल का भवन नहीं, बल्कि ऋषिकेश के बच्चों के सपनों की नींव है। हमें हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देने के लिए बुनियादी सुविधाएं देनी होंगी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस विषय की संवेदनशीलता को समझते हुए तुरंत संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई और अब तक की प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि वन भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई को शीघ्र प्राथमिकता पर पूरा किया जाए, ताकि विद्यालय के निर्माण में कोई और देरी न हो।
एक दशक से चल रही है मांग
IDPL क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की मांग पिछले एक दशक से की जा रही थी। वर्तमान में यहां के विद्यार्थियों को अस्थायी भवन में सीमित संसाधनों के साथ पढ़ाई करनी पड़ रही है। प्रस्तावित भूमि लगभग 5 हेक्टेयर है, जो अब हस्तांतरित की प्रक्रिया में आ चुकी है। स्थानीय निवासी और अभिभावक सुनीता देवी का कहना है कि “हमने सालों इंतज़ार किया है इस विद्यालय के लिए। अब लगता है कि हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।”