नवीन चौहान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ियों का स्वागत उनके पैर धोकर किया। गले में माला डाली और हैलीकाप्टर से पुष्पवर्षा कराने की तैयारी है। लेकिन कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था में 24 घंटे तैनात रहने वाली मित्र पुलिस को भूल गए। अगर मुख्यमंत्री जी एक गिलास जूस पुलिसकर्मियों को पिलाकर उनका मनोबल बढ़ाते तो उनके उत्साह में भी बढोत्तरी होती। हालांकि, पुलिस तो डयूटी पर तैनात है और अपने कर्तव्य का निर्वहन भी करेंगी। लेकिन आप अपनी मित्र पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए जूस पिलाने की औपचारिकता तो पूरी कर ही सकते थे। जिससे पुलिस महकमे में भी एक सकारात्मक संदेश जाता।
महाशिवरात्रि पर्व के कांवड़ मेले में शिवभक्तों की सुरक्षा व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है। पुलिस की मुस्तैदी के चलते ही मेला की सकुशलता निर्भर है। जिसके लिए चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। कांवड़ियों के पानी पीने से लेकर वाहनों की व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस संभाल रही है। कांवड़ियों की अभद्र भाषा के सामने भी पुलिस मुस्करा रही है। हरिद्वार के सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात है। कांवड़ियों की सुरक्षा और व्यवस्था में फूंक—फूंककर कदम उठा रही है। आसपान से गिरती बारिश और सूरज की तपिश भी पुलिस के कदमों को नही डिगा पा रही है। ऐसी कठिन डयूटी के बीच पुलिस अफसरों का अपने सिपाहियों की पीठ थपथपाना उनके उत्साह में बढोत्तरी करता है। वही अगर हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जवान को जूस पिलाकर हौसला बढाते तो जवानों के हौसले बुलंद होते।
मुख्यमंत्री जी कांवड़ियों के पैर धो गए लेकिन पुलिस को जूस पिलाना भूल गए


