देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला भाजपा सरकार का और फायदा मिलेगा कांग्रेस को, जानिए पूरी खबर




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नवीन चौहान.
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देवस्थान बोर्ड को भंग करने का फैसला किया है. चंद पंडा पुरोहितों को खुश करने के लिए सरकार ने अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले को पलट दिया.
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड का गठन उत्तराखंड के विकास की परिकल्पना को लेकर किया था. जिसका सीधा फायदा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मिलना था. लेकिन अब पुष्कर सरकार इस बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर चुकी है तो प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे अपनी जीत के रूप में देख रही है. कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पंडा पुरोहितों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए जुट गए हैं.
अब देखना यही है कि अगामी विधानसभा चुनाव में इस फैसले का लाभ भाजपा को मिलेगा या कांग्रेस को। हालांकि सत्ता के गलियारे में इसे लेकर अभी से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अचानक लिए इस फैसले से भाजपा के कुछ नेता भी असहज महसूस कर रहे हैं।

आगामी विधानसभा चुनाव में इस निर्णय का फायदा भी कांग्रेस को ही मिलेगा. बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड का गठन उत्तराखंड राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए किया था. उनका यह निर्णय बहुत ही दूरदर्शी था. पंडा पुरोहितों के तमाम विरोध को दरकिनार कर तमाम बुद्धिजीवियों और कैबिनेट के मंत्रियों को विश्वास में लेकर बोर्ड का गठन किया गया.

देवस्थानम बोर्ड के गठित होने से पंडा पुरोहितों के कोई हक हकूक प्रभावित नहीं हो रहे थे. लेकिन पंडा पुरोहितों को अपने वर्चस्व में कमी जरूर दिखाई दे रही थी. जिसके चलते वह विरोध करने के लिए आमादा थे. पंडा पुरोहितों के विरोध को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने पूर्ण समर्थन दिया. लेकिन भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री अपने निर्णय पर अडिग रहें. वक़्त और परिस्थिति बदली तो उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन हुआ. सूबे की कमान युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिली. तमाम राजनीतिक गुणा भाग करने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री के निर्णय को बदलने की घोषणा करते हुए पंडा पुरोहितों को अपने पक्ष में जुटाने का प्रयास किया. ऐसे में देखने वाली बात यह है कि सरकार का यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को कितना फायदा पहुंचाएगा. या फिर इसका श्रेय कांग्रेस ले जाएगी.