शीतकाल के लिए बंद हुए kedar lord madmaheshwar मद्महेश्वर मंदिर के कपाट




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नवीन चौहान.
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज बुधवार को सुबह 8.30 बजे शुभ लग्न पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान मंदिर को करीब पांच किलो फूलों से सजाया गया। यह कार्य दानी-दाताओं के सहयोग से हुआ।

अब द्वितीय केदार मद्महेश्वर चल उत्सव डोली में विराजमान होकर मंदिर की परिक्रमा और अपने ताम्र पात्रों के निरीक्षण करते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। पहले रात्रि प्रवास पर गौंडार गांव पहुंचेंगे। जहां पर ग्रामीणों द्वारा अपने आराध्य को सामूहिक अर्ध्य लगाया जाएगा। 23 नवंबर को डोली रांसी गांव पहुंचेगी। जबकि 25 को शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होगी।

इस बार द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भी रिकार्ड स्तर पर श्रद्धालु पहुंचे हैं। इस बार 12879 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, यह अब तक की रिकार्ड संख्या है। अलग राज्य निर्माण के बाद पहली बार इतनी संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे।