सतर्कता का पहला कदम जागरूकता: कुलपति प्रो. हेमलता




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विश्वविद्यालय केवल कानून से नहीं, बल्कि व्यवहार और नैतिक मूल्यों से संचालित होते हैं: प्रो.एचएस सिंह

न्यूज 127.
गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सभागार में “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में कई विद्वान वक्ताओं ने भाग लिया और सतर्कता के सामाजिक, प्रशासनिक एवं नैतिक पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता अधिवक्ता शशि मोहन श्रीवास्तव ने सतर्कता के विधिक और नैतिक पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सतर्कता एक शब्द नहीं है बल्कि यह ईमानदारी, निष्ठा और उत्तरदायित्व का प्रतीक है| सतर्कता हमें सिखाती है कि हम अपने कार्य और विचार और व्यवहार में सच्चाई और प्रदर्शित बनाएं, एक सतर्क व्यक्ति न केवल स्वयं गलतियों से बचाता है बल्कि अपने आस पास के लोगों को भी सही दिशा में प्रेरित करता है| इस अवसर पर उन्होंने सतर्कता संबंधी कानूनों की अनुच्छेद, धाराएं और नियमों का व्याख्यान दिया|

कार्यशाला के मुख्य अतिथि शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. एच. एस. सिंह ने कहा कि अमेरिका में शीर्ष पदों पर 33 प्रतिशत भारतीय युवा कार्यरत हैं, जो विश्व के सबसे शक्तिशाली देश को दिशा दे रहे हैं। वहीं भारत की 65 प्रतिशत युवा आबादी हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। यदि यह युवा वर्ग नैतिकता, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करे तो भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय केवल कानून से नहीं, बल्कि व्यवहार और नैतिक मूल्यों से संचालित होते हैं। सतर्कता जागरूकता अभियान पारदर्शिता और जनसहभागिता को बढ़ाने का माध्यम है। इस तरह के अभियान समाज में ईमानदारी और उत्तरदायित्व की भावना को प्रबल करते हैं।

कार्यशाला की अध्यक्षता समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सतर्कता का पहला कदम जागरूकता है। प्रत्येक व्यक्ति को मुनाफाइड रूप से सोचते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक उत्तरदायी नागरिक और कर्मचारी के रूप में ‘सी.सी. रूल्स’ एवं प्रशासनिक नियमों का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि संस्थागत पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी सशक्त करती हैं।

कुलसचिव प्रो विपुल शर्मा ने कहा कि देशभर में सतर्कता जागरूकता अभियान मनाया जा रहा है ताकि नागरिकों को यह बताया जा सकें कि भ्रटाचार से लड़ना केवल सरकार की ही नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है| इसलिए सरकार ने यह नारा दिया है कि सतर्क भारत समृद्ध भारत| यह नारा याद दिलाता है कि जब हम सभी सतर्क रहेंगे तो हमारा देश अधिक मजबूत और समृद्ध बनेगा। मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. देवेन्द्र सिंह मलिक ने सतर्कता से संबंधित बिंदुओं की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि हर कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारियों को पारदर्शिता के साथ निभाना चाहिए। इस अवसर पर सदन में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को सतर्कता की शपथ दिलाई गयी।

कार्यक्रम का संचालन संयुक्त कुलसचिव एवं उप-सतर्कता अधिकारी देवेन्द्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में लॉ ऑफिसर एम्स, ऋषिकेश के प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, प्रो नमिता जोशी, प्रो एल पी पुरोहित, प्रो मुकेश कुमार, डॉ भारत वेदालंकार, वीरेंदर पटवाल, वेद प्रकाश थापा, नारायण नेगी, अजय, डॉ कपिल गोयल, डॉ. सचिन पाठक, अमित धीमान, प्रवीण कुमार, डॉ. संदीप कुमार, जीवन वरियाल, डॉ. नितिन कम्बोज, शशिकांत शर्मा, हेमंत सिंह नेगी, डॉ पंकज कौशिक, डॉ. अरुण कुमार, विकास कुमार, विपिन कुमार, कुलभूषण शर्मा, अरविन्द कुमार, नवीन, नरेन्द्र मलिक, धर्मेन्द्र बिष्ट सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।