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उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल का ग्रेड पे बढ़ाए जाने की बात को सुनने के लिए उत्तराखंड का विधानसभा सदन तैयार नही है। विपक्ष के विधायक विरेंद्र जाति ने आवाज उठाई तो उनके समर्थन में सत्ता पक्ष के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी सहमति जताई। उन्होंने सदन को बताने का प्रयास किया कि उत्तराखंड पुलिस देश में मॉर्डन पुलिस के रूप में विख्यात है। पुलिस की सेवा, सुरक्षा और समर्पण की भावना प्रबल है। सरकार को पुलिस के हितों की रक्षा करनी चाहिए। लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जबाब नही आया। जिसके चलते पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे की मांग अटक गई।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने भी माना कि पुलिस महत्वपूर्ण विभाग है। पुलिसकर्मियों की कई समस्याओं का समाधान उन्होंने किया है। धूप में सड़क पर डयूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए छाते, पानी की बोतल और मास्क का इंतजाम कराने की व्यवस्था कराई है। जब उन्होंने पुलिसकर्मियों की चिंता की तो आईजी मार्तोलिया ने उनको धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी सदन में कहा कि पुलिसकर्मियों की चिंता उनको भी है। पुलिस विभाग की भी सरकार से अपेक्षा होती है। लेकिन विभाग में समय—समय पर क्रमानुसार वेतनबृद्धि की जाती है।
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि पुलिस के मार्डेनाइजेशन की बात करते है। तो उत्तराखंड पुलिस आपदा और मार्डन टूल्स के मामले में सबसे मॉर्डन पुलिस उत्तराखंड की है। लेकिन पुलिस कांस्टेबल की मांग ग्रेड पे की है। अघोषित हड़ताल तक हुई। काली पटटी बांधकर आवाज हुई। सरकार को उदारतापूर्वक पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे विचार करना चाहिए। पुलिसकर्मियों की जायज मांग है। विधायक वीरेंद्र जाति के कांस्टेबल का ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार की ओर से मौन ही रहा।



