नवीन चौहान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत अपना आखिरी दांव खेल गए। उन्होंने अपने सबसे करीबी धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया। बेहद ही व्यवहार कुशल धन सिंह रावत के नाम पर नाराज विधायकों ने भी सहमति दे दी। जिसके बाद उत्तराखंड में आए सियासी भूचाल को थामने का प्रयास किया गया। हालांकि हाईकमान के इस फैसले को सभी विधायकों को मानना ही पड़ेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा के ही विधायकों की नाराजगी भारी पड़ गई। दो दिन से चले आ रहे इस राजनैतिक घटनाक्रम के बाद उनको अपने मुख्यमंत्री पद को गंवाना पड़ा। मुख्यमंत्री ने ड्रैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया। असंतुष्ट विधायकों को साधने की पूरी कोशिश की। लेकिन मुख्यमंत्री बनने की सपना देख रहे तमाम अन्य लोगों की इच्छाओ के चलते ड्रैमेज कंट्रोल संभव नही हो पाया। जिसके बाद उन्होंने विरोधियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए दूसरा सियासी दांव खेल दिया। संघ की पृष्ठभूमि से भाजपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल रहे धन सिंह रावत के नाम को आगे कर दिया। धन सिंह रावत की संघ परिवार और भाजपा में मजबूत पकड़ है। जिसके चलते उनकी बात को बल मिला और हाईकमान ने भी मोहर लगा दी। बस फिर क्या था श्रीनगर में जनता के बीच में मौजूद धन सिंह रावत को अचानक देहरादून बुलाने के लिए हैलीकाप्टर भेजा गया।
सीएम की कुर्सी छोड़ने से पहले आखिरी दांव खेल गए त्रिवेंद्र सिंह रावत


