नवीन चौहान,
हरिद्वार। भारत के लोग कितने होशियार और जुगाड़बाज है इसका अंदाजा आप इस वीडियो को देखकर लगा सकते है। एक बैल्डिंग करने वाले इंजीनियर ने ग्लूकोज की बोतल को अपनी मशीन में पानी देने के लिये लगा दिया। ग्लूकोज की बोतल में पानी चलने से मशीन गरम नहीं होती है। ये ग्लूकोज की बोतल इस इंजीनियर के लिये काफी उपयोगी साबित हो रही है। हालांकि मामूली बैल्डिंग की दुकान चलाने वाले इस इंजीनियर ने आईटीआई का कोई कोर्स नहीं किया है और ना ही किसी बड़े संस्थान से आईआईटी की शिक्षा अर्जित की है।
भारतवासियों के दिमाग का लोहा पूरा विश्व मानता है। पुरातन काल से ही भारतीयों ने बड़े-बड़े अविष्कार किये है। अविष्कार करने का ये सिलसिला थमा नहीं है। कुछ छोटे अविष्कार भी करते है। जिनका उपयोग वह अपने कार्यो को पूरा करने के लिये ही करते है। ऐसा ही एक अविष्कार पुराने स्कूटरों के इंजनों को लेकर किया गया था। जो माल वाहन के रूप में प्रयोग हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो जुगाड़ विश्व प्रसिद्ध हो गया है। जुगाड़ वाहन सवारी वाहन के रूप में कई सालों से अपनी मार्केट में जगह बनाये हुये है। ऐसा ही एक जुगाड़ हरिद्वार के लक्सर रोड़ पर एक बैल्डिंग करने वाले दुकानदार ने किया। इन महानुभाव ने जो मरीजों के लिये सबसे महत्वपूर्ण ग्लूकोज की बोतल का उपयोग ही अपनी मशीन को ठंडा करने में कर दिखाया। इनकी दुकान पर कोई जाता है तो इस जुगाड़ को देखकर उसकी हंसी छूट जाती है। वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दे कि इन दुकानदार के यहां काम सीखने वाले बच्चे भी उनके दिमाग का लोहा मानते है।