पथ प्रवाह, देहरादून
उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराध नियंत्रण और पीड़ितों के आर्थिक संरक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। वर्ष 2021–25 में राज्य में साइबर अपराधों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड पुलिस ने 47.02 करोड़ से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस करवाई, जो उत्तर भारत के राज्यों में सर्वोच्च प्रदर्शन में शामिल है।
अंतरराज्यीय सहयोग और दोषसिद्धि दर में राष्ट्रीय श्रेष्ठता
उत्तराखंड पुलिस ने अंतरराज्यीय नेटवर्क पर सक्रिय कार्रवाई करते हुए 500 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड और तेलंगाना जैसे राज्यों के आरोपी शामिल हैं। देशभर में संचालित अभियानों ‘ऑपरेशन प्रहार’ और ‘ऑपरेशन हेली’ के तहत सैकड़ों वेबसाइट, व्हाट्सएप नंबर और बैंक खाते ब्लॉक किए गए, साथ ही कई सोशल मीडिया विज्ञापन हटा दिए गए।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में दर्ज मामलों में औसतन 87% आरोपियों को चार्जशीट किया गया, जबकि दोषसिद्धि दर 64.7% रही, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से अधिक है।
प्रमुख साइबर ठगी प्रकरणों में सफलता
साइबर थाना देहरादून और उधमसिंहनगर ने वर्ष 2023–24 में 20 से अधिक राज्य स्तरीय और अंतरराज्यीय ठगी मामलों को सफलतापूर्वक निस्तारित किया। इनमें प्रमुख प्रवृत्तियाँ थीं:
फेक ट्रेडिंग ऐप, फिशिंग लिंक, OTP फ्रॉड, UPI ठगी
इसके अतिरिक्त, बिहार, झारखंड और दिल्ली-एनसीआर नेटवर्क से जुड़े दर्जनों अपराधियों की गिरफ्तारी भी की गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, दुबई, कंबोडिया और म्यांमार से जुड़े चीनी अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया। 2022 में औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया गया और सिम बॉक्स बरामद किए गए।
उत्तराखंड पुलिस की राष्ट्रीय मान्यता
उत्तराखंड साइबर पुलिस को DSCI (2024) द्वारा शीर्ष 3 इकाई का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक के मार्गदर्शन में राज्य पुलिस निरंतर साइबर जागरूकता अभियान चला रही है, जिससे आम जनता को साइबर ठगी और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया जा सके। अक्टूबर महीने को साइबर अपराध जागरूकता माह के रूप में मनाया जाएगा।