नवीन चौहान,
हरिद्वार। भारत बंद के दौरान दलित आंदोलन के प्रदर्शन में भड़काऊ भाषण व भ्रामक प्रचार करने संबंधी पोस्ट फेसबुक और व्हाट्सअप पर डालकर जनता को भ्रमित करने के मामले में उत्तराखंड पुलिस सख्त कदम उठाने जा रही है। पुलिस सभी पोस्ट डालने वाले लोगों को चिंहित कर रही है। इन सभी के खिलाफ आईटी एक्ट व आईपीसी की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससीएसटी के संबंध में दिये गये निर्देशो के क्रम में विभिन्न व्यक्तियों ने भारत बंद के कार्यक्रम आयोजित किये। इस आंदोलन में भड़काऊ भाषणों को फेसबुक, व्हाट्सअप व सोशल मीडिया पर डालकर भ्रामक प्रचार प्रसार किया गया है। पुलिस ने अपील की है कि पुलिस विभाग इन सभी उत्तेजित करने वाली और समाज में द्वेष पैदा करने वाली सभी पोस्ट पर नजर रख रहा है। इसीलिये इस तरह की पोस्ट का प्रचार प्रसार ना किया जाये। नहीं तो कानूनी मुकदमो का सामना करना पड़ सकता है।
एडीजे कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में जो दलित आंदोलन के दौरान की फेसबुक एवं व्हाटसएप पोस्ट को प्रचारित करेगा उनके खिलाफ पहले तो कानूनी नोटिस भेजा जायेगा और नोटिस का उचित जवाब नहीं मिला तो मुकदमा दर्ज किया जायेगा। उन्होनें कहा कि भारत बंद आंदोलन के दौरान की भड़काऊ पोस्ट को शेयर ना किया जाये।