मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह​ धामी की दूरदर्शी सोच: सीमांत क्षेत्र विकास परिषद




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गुप्तकाशी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गुप्तकाशी में आयोजित चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राज्य में “सीमांत क्षेत्र विकास परिषद” का गठन किया जाएगा, जो सीमांत जिलों की आवश्यकताओं के अनुरूप विकास की रूपरेखा तैयार करेगी

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि सीमांत इलाकों में अब आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी जानकारी व प्रशिक्षण देने के लिए नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों से स्थानीय युवाओं को नई तकनीक और जागरूकता का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे सीमांत प्रदेश आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज नवाचार, अनुसंधान और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में दुनिया में नई पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी बनने जा रही है, जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए गर्व की उपलब्धि होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रुद्रप्रयाग में आपदा प्रबंधन केंद्र के निर्माण के निर्देश दिए और पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू जाखधार में विभिन्न कार्यों के लिए 50 लाख की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, सीमांत उद्यमी इंद्र सिंह रावत और सीमांत सेवा फाउंडेशन के डॉ. पाटनी को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने यूकॉस्ट की “रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक” का विमोचन भी किया — यह जीआईएस आधारित रिमोट सिस्टम प्लेटफॉर्म राज्य की विभिन्न विभागीय योजनाओं की सूचनाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगा।

महोत्सव पुष्कर धामी की थीम “जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियाँ एवं आपदा जोखिम प्रबंधन एकीकरण” रही। इस आयोजन का उद्देश्य सीमांत जनपदों के प्रतिभावान बाल वैज्ञानिकों को नवाचार और शोध के लिए प्रेरित करना है।

इस अवसर पर विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, यूकॉस्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, डीएम प्रतीक जैन, एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे, सीडीओ राजेंद्र सिंह रावत सहित अनेक अधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित रहे।