नवीन चौहान
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक चैनल के सर्वे में खराब मुख्यमंत्री बताया गया था। वही दूसरी ओर उत्तराखंड के तमाम विधायकों में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री को लेकर काफी नाराजगी थी। जिसके बाद से नेतृत्व परिर्वतन की पथकथा तैयार की गई। पूर्व सीएम को कुर्सी से बेदखल करने के लिए मोर्चाबंदी की गई। लेकिन उत्तराखंड की जनता के दिलों में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए बहुत सम्मान है। जनता को अपने मुख्यमंत्री की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा पर कोई शक नही है।
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली रैबार समिति की अध्यक्ष श्रुति लखेड़ा हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र में विगत कई सालों से आदिवासियों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। गरीब, निर्बल और असहाय लोगों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहती है। लालढांग में विकास योजनाओं को मूर्तरूप देने के लिए कार्य कर रही है। श्रुति लखेड़ा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नेतृत्व परिवर्तन से काफी आहत है। भाजपा हाईकमान के इस निर्णय को वह उत्तराखंड और भाजपा के लिए हितकर नही मानती है। श्रुति ने बताया कि त्रिवेंद्र सिंह रावत जी एक सरल व्यक्तित्व एक अच्छे इंसान है। उन्होंने परिपक्वता के साथ विगत चार सालों तक उत्तराखंड में जमीनी स्तर पर कार्य किया। राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सीधा जनता तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि पॉलिसी तो आती है लेकिन जमीनी स्तर तक पहुंचाने का जो प्रयास पूर्व सीएम ने किया वैसा पूर्व में कभी नही हुआ। पलायन को रोकने की दिशा में उन्होंने बहुत शानदार कार्य किया। उनका पहला उददेश्य पलायन रोकने की दिशा में था। घस्सयारी कल्याण योजना की बात करें, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की बात करें कृतिम रेशों की बात करे तो मुख्यमंत्री की सोच और विजन उत्तराखंड से पलायन रोकने की दिशा में उठाया एक प्रभावशाली कदम था।उन्होंने बताया के मुख्यमंत्री जी ने अपने कार्यकाल में ईमानदार अफसरों को कार्य करने की स्वतंत्रता प्रदान की। माफियाराज को खत्म किया। जनहित के कार्यो को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व परिवर्तन करने का निर्णय हाईकमान को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पता चलेगा।



 
		
			

