नवीन चौहान
आर्य युवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी जी युवा आर्यो के आदर्श बनकर उभरे। हरिद्वार के नमामि गंगा घाट पर आयोजित 5100 कुंडीय राष्ट्रभृत महायज्ञ में हवन यज्ञ की सुगंध में योगी सूरी की व्यक्तित्व भी निखरकर सामने आया। उन्होंने युवा आर्यो के ऊपर पुष्प वर्षा की तो यजमान बने युवा आर्यो में एक नए जोश का संचार हुआ। योगी सूरी जी ने युवा आर्यो को चरित्र निर्माण को लेकर कही गई बात बच्चों के दिलों को छू गई।

हरिद्वार के चंडीघाट स्थित नमामि गंगे घाट पर आयोजित राष्ट्रभृत महायज्ञ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आर्य युवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी ने कहा कि मेरे देश की मिटटी में कुछ तो खास है। चंडीघाट की इस पावन भूमि पर स्वतंत्रता सेनानी आए। महर्षि दयानंद सरस्वती, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता की अलख जगाई। देश भक्ति की प्यास और आर्यो का विश्वास इस मिटटी में है। उन्होंने कहा कि महायज्ञ आयोजन का उददेश्य यज्ञ बेदी के चारों और शुद्ध घी और हवन सामग्री रखी हुई है। जजमान भी विराजमान है। अग्नि भी प्रज्जवलित है। धुआं उठेगा, खासी आयेगी, आंख से पानी निकलेगा। यज्ञ को सफल बनाने के लिए समिधाओं का सूखा होना होगा। तभी चारों और वातावरण पवित्र और सुगंधित होगा।
योगी सूरी ने कहा कि विज्ञान तो सभी स्कूल सिखा रहे है। लेकिन अध्यात्म डीएवी सिखाता है। उन्होंने महायज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा शरीर एक यज्ञ बेदी के समान है। जिसकी इंद्रियां समिधाएं है। आत्मा अग्नि की तरह है और दिल घी का कार्य कर रहा है। मेरे प्यारे बच्चों इस संसार में अपने जीवन को सफल बनाना है तो जीवन को यज्ञ रूपी बनाना होगा। यह तभी संभव हो पायेगा जब शरीर की सभी इंद्रियाएं रूपी समिधाएं यज्ञ की अग्नि में शुद्ध और पवित्र होकर सुगंधित होगी। उन्होंने बच्चों को कहा कि अपना चरित्र निर्माण करके यज्ञमयी जीवन जीना है। इस महायज्ञ से आप सफल होंगे तभी आप सभी समाज और राष्ट्र का भी उत्थान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में कठिन मेहनत करनी होगी। परिश्रम का कोई विकल्प नही होता है।

योगी सूरी ने इस दिव्य और भव्य आयोजन में बच्चों को उपवास के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि एक दिन नमक छोड़ने से अच्छा एक दिन मोबाइल से दूर रहने का उपवास करो। खुद से वादा करो कि एक दिन सोशल मीडिया से दूर रहेंगे। उन्होंने बुद्धि बल, ज्ञान बल,शरीर बल, मनोबल, धन बल, राज बल को अपनाकर ऊंचे उठने पर जोर दिया। इन तमाम बलों से वलिष्ठ अर्थात शक्तिशाली होकर अपना और समाज का उत्थान करो। मेरे युवाओं जाग जाओ और इस जीवन को देश सेवा में समर्पित कर दो। उन्होंने बच्चों को शिक्षा, संस्कारों और संस्कृति से जोड़ने के साथ ही महायज्ञ के आयोजन को सफल बनाने की बधाई दी।
कार्यक्रम में उत्तराखंड संस्कृत विश्वव़िद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश शास्त्री, जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह, डायरेक्टर पब्लिक स्कूल डॉ वी सिंह, डायरेक्टर एसके शर्मा, जे काकड़िया, स्वामी नित्यानंद, डायरेक्टर अदलखा, आरओ अल्पना शर्मा, एआरओ पीसी पुरोहित, एआरओ आनंद सारस्वत, डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज कपिल, वीएमडीएवी की प्रधानाचार्य लीना भाटिया सहित तमाम स्कूलों के प्रधानाचार्य, प्रशासनिक अधिकारी, अभिभावक व बच्चे उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड के माना की टोपी
आर्य युवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी जी को एआरओ पीसी पुरोहित जी ने उत्तराखंड के पहले गांव माणा के हस्त निर्मित टोपी पहनाकर सम्मानित किया। उत्तराखंड के गौरव का प्रतीक चिंह माणा गांव की यह टोपी पहनकर योगी सूरी जी बेहद प्रसन्न चित्त दिखाई दिए।
ऋषि परंपरा की दिखी झलक
आर्य युवा समाज व उत्तराखंड के समस्त डीएवी स्कूलों से 5100 युवा आर्यो ने नमामि गंगे घाट पर राष्ट्रभृत महायज्ञ में आहूति देकर वैदिक ज्ञान का प्रचार किया। युवा आर्य पीले वस्त्रों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ में आहूति दे रहे थे। हवन यज्ञ की सुगंध और वैदिक मंत्रों की गूंज भारतीय संस्कृति और संस्कारों की ऋषि परंपरा के दर्शन करा रही थी।


