जोगेंद्र मावी
हरिद्वार के 2500 परिवारों को गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी से छुटकारा मिल गयाा है। इन परिवारों को गैस सिलेंडर के बोझ और घटतौली से भी निजात मिल गई है। इन परिवारों की रसोईयों में पाइन लाइन के जरिये गैस की आपूर्ति बहाल हो गई है। इन्हीं के साथ करीब 16000 लोगों कनेक्शन हो गए हैं। जिनकी आपूर्ति जल्द बहाल कर दी जाएगी।
हरिद्वार जनपद में सन 2010 से गैस पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। गेल कंपनी ने पहले शहर में गैस का नेटवर्क जोड़ा और अब कॉलोनियों में पाइप लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। शहर की अधिकांश गलियों में पाइप लाइन बिछ चुकी है और अब कनेक्टिविटी का काम तेजी से चल रहा हैं। गेल कंपनी के सीईओ प्रंजय जोशी ने बताया कि गैस की पाइप लाइन से अब 2500 रसोईयों में गैस सप्लाई हो रही है, जबकि अभी हरिद्वार शहर में करीब 16000 कनेक्शन हो चुके हैं और इनके घरों में भी गैस की सप्लाई शीघ्र शुरू हो जाएगी। इससे जनता को गैस सिलेंडर के बोझ उठाने, डिलीवरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही घटतौली, गैस एजेंसी के चक्कर, गैस सिलेंडर का इंतजार आदि सभी झंझावट दूर हो जाएंगे। जिला आपूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि गैस पाइप लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि मार्च महीने तक घर—घर तक पाइप लाइन से गैस पहुंचने लगेगी।
पाइन लाइन से गैस का खर्चा आता है कम
गैस सिलेंडर के बजाय पाइप लाइन से गैस का खर्चा कम आता है। गैस सिलेंडर तो निश्चित रकम में आता हैं, लेकिन गैस पाइप लाइन से आनी वाली गैस का खर्चा कम होता है। सिलेंडर जो गैस का खर्चा 800 रुपये महीना आता है वह पाइप लाइन से आधा हो जाता है।
गैस एजेंसी संचालक जता चुके हैं विरोध
हरिद्वार के गैस संचालक गैस पाइप लाइन का विरोध कर चुके हैं। उनका तर्क है कि पाइप लाइन से गैस सप्लाई शुरू होने से उनका काम बंद हो जाएगा। हजारों वेंडर बेरोजगार हो जाएंगे। इंडेन गैस एजेंसी मैनेजर विपिन शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे को कई बार उठाया जा चुका है। वेंडरों को क्षेत्रवार काम देने की मांग की गई है।
हरिद्वार के 2500 परिवारों को गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी से मिला छुटकारा, अन्य तैयार



