सोनी चौहान
श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा की हथिनी पवन कली ने सोमवार की शाम को दम तोड़ दिये। बताया जा रहा है कि हथिनी 6 महीने से पैर में कैंसर से पीड़ित थी। और उसका इलाज चल रहा था।
हरिद्वार बिल्केश्वर कालोनी स्थित निर्मला छावनी में सोमवार की शाम 4:00 बजे उन्होंने अंतिम सांस लिये। वह करीब 80 साल की थी और उसका श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के साधु-संतों से और अखाड़े के साधु संतों का पवन कली से विशेष लगाव था। वह उनके परिवार के सदस्य की तरह थी।
अखाड़े के महन्त अमनदीप और उनके अन्य साथी तथा महावत की आंखें भर आई अखाड़े के श्री महन्त ज्ञान देव सिंह महाराज ने पवन कली के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि वह हमारे परिवार के सदस्य तरह थी उसके निधन से अखाड़े सूनापन आ गया है। जिस समय कल शाम पवन कली ने अंतिम सांस ली तब उनके पास मुखिया महन्त अमनदीप सिंह थे। अमनदीप सिंह पिछले 6 महीने से पवन कली की जी जान से सेवा कर रहे थे। पवन कली हरिद्वार की शोभा थी। हरिद्वार के हर धार्मिक उत्सव और कुंभ के अवसर पर शाही स्नान में पेशवाईओं में सबसे आगे चलती थी और साधु संत उसका बहुत ही सुंदर मेकअप करते थे। आज 12:00 बजे पवन कली को निर्मला छावनी में भू समाधि दी जाएगी और उसका स्मारक बनाया जाएगा।
श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा की 80 साल की हथिनी पवन कली की मौत, बनेगा स्मारक



