नवीन चौहान, हरिद्वार। अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर गंगा के टापू में फंसे कांवड़ियों की जिंदगी बचाने वाले खाकी के बहादुर कांस्टेबल दिनेश वर्मा को जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया जायेगा। ये पुरस्कार 26 जनवरी 2018 को राजधानी देहरादून में मिलेगा। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने दिनेश वर्मा जीवन रक्षा पदक दिये जाने की संस्तुति करते हुये भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र के जारी होने के बाद कांस्टेबल दिनेश वर्मा और उसके परिवार में खुशी का माहौल है।
हरिद्वार पुलिस के कांस्टेबल संख्या 1410 दिनेश वर्मा ने 10 अगस्त 2015 को नीलधारा टापू में फंसे कांवड़ियों को डूबने से बचाया था। दिनेश अपनी जान को खतरे में डालकर बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के गंगा के गहरे पानी में उतर गया। वहां टापू में फंसे पीड़ित कांवड़ियों को अपनी पीठ पर बैठाकर सकुशल बाहर निकाला। कांस्टेबल दिनेश के इस बहादुरी के कार्य की हरिद्वार की जनता और कांवड़ियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने सराहना की। तत्कालीन एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने कांस्टेबल दिनेश वर्मा के इस अदम्य साहस के कार्य के लिये जीवन रक्षा पदक की संस्तुति पुलिस मुख्यालय को कर दी। लेकिन एसएसपी स्वीटी अग्रवाल की संस्तुति के बाद दिनेश वर्मा की फाइल हरिद्वार से तो चली देहरादून शासन की अलमारी में कैद होकर रह गई। कांस्टेबल दिनेश वर्मा ने पुरस्कार मिलने की उम्मीद छोड़ दी। अपनी जिंदगी को खतरे में डालने वाले कांस्टेबल दिनेश वर्मा का मनोबल टूटने लगा। लेकिन न्यूज127डॉट कॉम ने दिनेश वर्मा की बहादुरी और उसको मिलने वाले पुरस्कार की फाइल को शासन की अलमारी में कैद होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने खबर का संज्ञान लेते हुये कांस्टेबल दिनेश वर्मा की फाइल को तलब कर लिया। उन्होंने फाइल का अवलोकन करने के बाद दिनेश की इस बहादुरी के लिये जीवन रक्षा पदक दिये जाने की संस्तुति का पत्र भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव को जारी कर दिया। पत्र की एक प्रति जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत को भी भेजी गई है।
जाबांज कांस्टेबल दिनेश वर्मा को मिलेगा जीवन रक्षा पदक, जानिये पूरी खबर

